बृहस्पति 17 जनवरी 2021 को मकर राशि में अस्त होने जा रहे हैं। शाम 5 बजकर 52 मिनट पर गुरु अस्त होंगे। गुरु के अस्त हो जाने के कारण वैवाहिक कार्य नहीं हो सकेंगे। 17 जनवरी 2021 से गुरु अस्त होने जा रहे हैं और 13
रवरी 2021 को शुक्र अस्त होंगे। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि 15 मार्च से 13 अप्रैल 2021 तक खरमास रहेगा क्योंकि इन दिनों सूर्य बृहस्पति की राशि धनु और मीन में रहते हैं। इससे पहले 15 दिसंबर 2020 से 13 जनवरी 2021 तक खरमास रहा। शुक्र स्त्री और गुरु पुरुष के लिए शुभ ग्रह है। जब स्त्री का शुभ ग्रह अस्त हो जाता है तो विवाह के लिए गुरु के उदित होने से विवाह के संयोग नहीं बनते। शुक्र ग्रह को राक्षसों के गुरु के रूप में जाना जाता है। भारतीय ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो शुक्र ग्रह को भाग्य का कारक माना गया है। शुक्र के अस्त होने से विवाह संस्कार और अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। पुराने या मरम्मत किए गए मकान में गृह प्रवेश हेतु गुरु एवं शुक्र के अस्त काल का विचार नहीं किया जाता। इसलिए ऐसे में प्रवेश किया जा सकता है। इसके साथ ही कोई व्यक्ति दोबारा विवाह कर रहा है तो उसके लिए भी शुक्र या गुरु का अस्त होना वर्जित संयोग लेकर नहीं आता। एक बार खरमास लगने के बाद अब 18 अप्रैल से शुभ मुहूर्त वापस आएंगे। विवाह का पहला मुहूर्त 24 अप्रैल 2021 को रहेगा। तारा डूबने या चढ़ने का मतलब तारे के अस्त और उदय हो जाने से होता है। इसे हम ऐसे समझ सकते हैं जैसे सूर्य का हर रोज उगना और अस्त होना। खगोल शास्त्र के मुताबिक सूरज पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है जो अपने ही प्रकाश से चमकता है। भारतीय ज्योतिष में गुरू एवं शुक्र ग्रह को तारा माना गया है। इसलिए उनके अस्त या उदय होने के साथ मांगलिक कार्यों को जोड़कर देखा जाता है।
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