-- दीपांशु बंसल ने कहा, डाइट में जेबीटी कोर्स का खर्च मात्र 2 से 5 हजार, जबकि प्राइवेट में खर्च 60 हजार से 1 लाख तक प्रतिवर्ष। -- शिक्षा को निजीकरण की ओर बढ़ावा दे रही राज्य सरकार, छात्रों की जेब पर डाका
डालना गलत। खोजी/सुभाष कोहली। कालका। हरियाणा प्रदेश में पहले जेबीटी कोर्स यानी डीएलएड(डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) करने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान(डाइट)की ओर से छात्रों को दो वर्षीय कोर्स की सुविधा थी जिसमे छात्रों का प्रतिवर्ष खर्च मात्र 2 से 5 हजार रुपए आता था, परन्तु अब राज्य सरकार द्वारा डीएलएड कोर्स को डाइट से बन्द कर दिया गया है। कांग्रेस छात्र इकाई, एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय कन्वीनर दीपांशु बंसल ने सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि बिना किसी विलम्ब के डीएलएड/जेबीटी कोर्स को डाइट के अंतर्गत पुनः शुरू की जाए। दरअसल,2020-21 के जेबीटी प्रवेश कार्यक्रम से डाइट को बाहर कर दिया गया है, जिसको लेकर एनएसयूआई ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया है और सीएम से इसे पुनः शुरू करने की मांग की है। सरकार ने जेबीटी के लिए काउंसिलिंग कार्यक्रम जारी करते हुए केवल गैर सरकारी व सेल्फ फाइनेंस संस्थान को ही शामिल किया है। ऐसे में ग्रामीण इलाकों के छात्रों को प्रवेश लेने के लिए मोटी रकम चुकानी होगी जोकि एक छात्रविरोधी निर्णय है। -- सरकारी में खर्च 5 हजार तक तो प्राइवेट में देनी होगी 1 लाख तक की मोटी रकम.... एनएसयूआई नेता दीपांशु बंसल का कहना है कि प्राइवेट संस्थानों में एक छात्र को डीएलएड/जेबीटी कोर्स करने के लिए 60 हजार से एक लाख रुपए तक खर्च करना पड़ता है। यदि अब डाइट से इस कोर्स को बन्द कर दिया गया है तो छात्रों को मजबूरन प्राइवेट शिक्षण संस्थानों का रुख करना पड़ेगा, जिससे उन्हें 2 से 5 हजार तक के खर्च में मिलने वाले कोर्स को 60 हजार से 1 लाख रुपए में करना पढ़ेगा। -- गरीब छात्र डीएलएड कोर्स के लिए रह जाएंगे वंचित... दीपांशु बंसल ने कहा कि डाइट जैसे महत्त्वपूर्ण संस्थान हरियाणा में कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण देते हैं, पुस्तकों का निर्माण करते है, विद्यालयों में चल रही ऑनलाइन अध्यापन कार्यों की मॉनिटरिंग करते है और अब ऐसे संस्थान में डीएलएड/जेबीटी कोर्स को बन्द कर छात्रों को प्राइवेट में करने के लिए मजबूर होना पढ़ेगा, जिससे गरीब बच्चे इस कोर्स से वंचित रह जाएंगे। -- डाइट में अनुभवी तो प्राइवेट में प्रशिक्षित व अनुभवी स्टाफ की कमी... दीपांशु बंसल ने कहा कि डाइट में प्रशिक्षित व अनुभवी स्टाफ है, जबकि प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में स्टाफ की कमी के साथ अनुभवी व प्रशिक्षित नही है। ऐसे में छात्रों को बेहतर शिक्षा का अभाव तो होगा ही, वही डीएलएड कोर्स के लिए ज्यादा फीस भी देनी पड़ेगी। -- सरकारी स्कूलों में 6 हजार से ज्यादा जेबीटी के पद खाली एनएसयूआई नेता दीपांशु बंसल ने बताया कि सरकारी स्कूलों में जेबीटी श्रेणी के 41323 स्वीकृत पदों में से 29109 पदों पर जेबीटी टीचर कार्यरत है, जबकि 6000 गेस्ट कार्य कर रहे हैं। ऐसे में स्कूलों में 6214 जेबीटी पद खाली है जिन्हें जल्दी भरा जाना जरूरी है, तो वही राज्य सरकार ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में जेबीटी के लिए डीएलएड कोर्स को बन्द कर दिया है।
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