चिराग गोयल/फिरोजपुर झिरका।- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पंजाबी समाज के लोगों ने बड़े धूमधाम के साथ लोहड़ी का पर्व मनाया। आपको बताते चलें,पारंपरिक मान्यता के अनुसार, लोहड़ी फसल की कटाई और बुआई
े तौर पर मनाई जाती है. लोहड़ी को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इस दिन लोहड़ी का जन्म होलिका की बहन के रूप में हुआ था. बेशक होलिका का दहन हो गया था. किसान लोहड़ी के दिन को नए साल की आर्थिक शुरुआत के रूप में भी मनाते हैं। इस अवसर पर पंजाबी समाज के लोगों ने गढ़ अंदर रघुनाथ मंदिर के समीप पेड़ के बड़े-बड़े लकड़ियों व गोबर के बने उपले लगाए तत्पश्चात महिलाओं ने सरसों का तेल का दीपक जलाया, लकड़ियों के सिंदूर लगाया बेलपत्र चढ़ाएं,मूंगफली व रेवड़ियों का भोग लगाया। भोग अर्पित करने के बाद सूखा नारियल, कपूर, मूंगफली और मक्का एक साथ लेकर अग्नि में डालकर उसकी सात बार परिक्रमा की इस अवसर पर जमकर ढोल नगाड़े बजे लोग ढोल नगाड़े व तासे तथा डीजे के आगे जमकर नाचे और लोहड़ी के लोकगीत भी गाये गए। इस पावन पर्व पर लोगों ने खूब मस्ती बटोरी इस त्यौहार को मनाया। अपने से बड़े और बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया गया और प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर अर्जुन देव चावला,राजकुमार चुटानी, संजय बत्रा,यश चावला, सचिन सचदेवा, डॉ श्याम, गौरव थरेजा,मोनू मनचंदा सहित सारा पंजाबी समाज के लोग व महिलाएं उपस्थित रही।
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