भगवान सूर्य की उपासना के महापर्व छठ पर पानीपत के गोहाना रोड, असंध रोड पर नहरों में आस्था का सैलाब देखने को मिला। अर्घ्य देने के लिए व्रतियों के साथ परिवार वालों की भीड़ अल सुबह नहरों के पास प
ुंच गई। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने अपने घर-समाज के लिए खुशहाली की प्रार्थना की। घाट में छठ पर्व की आस्था देखने को मिली। वहीं बहुत से लोगों ने घरों में ही भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रशासन ने गोहाना रोड, एनएफएल के सामने, असंध रोड पर, बाबरपुर में नहर पर व्यवस्था की। एनएफएल के सामने बनाए गए घाट का उद्घाटन भी हुआ। घाटों पर साफ सफाई से लेकर रोशनी की व्यवस्था की गई थी। सुबह सड़कों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली। सुबह चार बजे से ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालु परिवार के साथ गोहना रोड, असंध रोड के साथ बने घाट की तरफ पहुंचने लगे। इस दौरान लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता दिखाई नहीं दी। ज्यादातर लोग मास्क नहीं लगाए हुए थे। शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं किया गया। चार बजे से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने लगे थे। अपने-अपने सिर पर पूजा सामग्री की टोकरी लिए महिलाएं बच्चे पहुंचे घाट पर जाकर पूजा का स्थान पर सामान रखा। महिलाएं नहर में पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान की अराधना करने लगी। नहर के बाहर उनके परिजन पूजा करने लगे। संतान की प्राप्ति व उनकी सलामती का पर्व गोहाना रोड नहर के घाट पर छठ पूजा करने पहुंची किशन पुरा की पिंकी व प्रीती ने बताया कि वह पहली बार पूजा करने पहुंची। संतान प्राप्ति व उसकी सलामती के लिए यह पूजा की जाती है। इसमें महिलाएं 36 घंटे तक व्रत रखती है। जिसमें पानी तक ग्रहण नहीं करती। पंडित कांशीनाथ झा ने बताया कि समालखा में भी श्रद्धालुओं ने इस व्रत को मनाया। यह व्रत सर्वमनोकामना के लिए किया जाता है।
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