साहून खांन नूंह नूंह, 12 जनवरी जिलाधीश धीरेन्द्र खडग़टा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के आदेश जारी करते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा सूचित किया गया है कि भारतीय किसान यूनिय
द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा तीन अध्यादेशों के लागू करने के विरोध में जिला में विभिन्न स्थानों पर पदर्शन किया जा सकता है, जिसके चलते जिला में राष्टï्रीय राजमार्ग व अन्य मार्गो पर जाम किया जा सकता है तथा कोरोना महामारी के संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। अत: कानून व्यवस्था तथा शांति व किसी भी अप्रिय घटना को घटित होने से रोकने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के आदेश जारी करने अति आवश्यक है। जारी आदेश आगामी आदेशों तक लागू रहेगें। कृषि बिलों के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान शरारती/असामाजिक तत्वों द्वारा किसी भी प्रकार की गडबड़ी फैलाकर शांति व कानून व्यवस्था को बिगाडऩे तथा सरकारी, गैर सरकारी सम्पति को नुकसान पहुचाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उक्त के दृष्टिगत भारतीय किसान यूनियन व अन्य संगठनों से जुड़े किसी भी व्यक्ति को कानूनी रूप व अन्य रूप से मानवीय हानि, सम्पति एवं जन शांति को भंग करने या किसी भी प्रकार का दंगा या डर फैलाने पर पाबंदी लगाई जाती है। जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए व जन शांति बनाएं रखने हेतु आम जनता या जनता का कोई प्रतिनिधि जिले के सार्वजनिक स्थानों पर ना तो कोई जन सभा करेंगे और ना ही चार या चार से अधिक व्यक्ति एक स्थान पर एकत्रित होंगे। किसी भी प्रकार के घातक हथियार जैसे अग्रि शस्त्र, तलवार, बरछा इत्यादि (सिख समुदाय के प्रतीक कृपाण को छोडकर) लेकर चलने पर पूर्ण रूप से आगामी आदेशों तक प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश पुलिस व अन्य डयूटी पर तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे। इन आदेशों की पालना करवाने की जिम्मेवारी पूर्ण रूप से पुलिस अधीक्षक, सभी एसडीएम व जिला में नियुक्त सभी डयूटी मैजिस्ट्रेटों व सभी थाना प्रभारियों की अपने-अपने क्षेत्र में होंगी। इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्घ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
Comments