मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव की उपासना का उत्तम दिन है। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जो शनि देव की राशि है। सूर्य देव हर वर्ष अपने पुत्र शनि देव के घर में उनसे मिलने आते है
। जब पहली बार सूर्य देव शनि देव के घर पधारे थे तब उन्होंने काले तिल से ही अपने पिता का आदर-सत्कार और उपासना की थी। इससे सूर्य देव बहुत प्रसन्न हुए थे और उन्होंने शनि देव को आशीर्वाद दिया था कि जब वे मकर राशि में आएंगे तो शनि देव का घर धन—धान्य से परिपूर्ण हो जाएगा। आशीर्वाद के फलस्वरुप मकर संक्रांति को शनि देव का घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया था। शनि और सूर्य देव के मिलन की यह कथा देवी पुराण में मिलती है। आध्यात्म में आज हम आपको मकर संक्रांति से जुड़े कुछ उपाय बता रहे हैं, जिसे करने से आपको धन-धान्य और संतान की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं उनके बारे में। 1. तिल से सूर्य देव की पूजा: मकर संक्रांति के दिन स्नान आदि के बाद आपको तिल मिले हुए जल से भगवान सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन एक साफ लोटे में काला तिल, साफ पानी, अक्षत्, लाल पुष्प, शक्कर और रोली डाल दें। फिर सूर्य मंत्र को उच्चारण करते हुए उसे सूर्य देव को अर्पित कर दें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन काले तिल से पूजा करने पर सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और शनि देव की तरह ही अपने भक्तों को भी धन-धान्य प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं। 2. पीपल की पूजा: मकर संक्रांति के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें। वहां पर देशी घी का दीपक जलाएं। फिर एक कच्चा सूत या मौली पेड़ में लपेट दें। अपने पितरों का स्मरण कर उनके निमित्त भी तिल, चावल आदि दान करें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और वंश वृद्धि का आशीष देते हैं। इससे मनोकामना भी पूर्ण होती है। 3. सूर्य और शनि की पूजा: कहा जाता है कि मकर संक्रांति के दिन शनि के दोष समाप्त हो जाते हैं क्योंकि सबसे दीप्तिमान सूर्य उनकी राशि में होते हैं। सूर्य की चमक के आगे शनि फीके पड़ जाते हैं। पिता के आगमन पर शनि देव ने काले तिल से सूर्य देव की पूजा की थी, जिससे उनका घर धन-धान्य से भर गया था। इस वजह से शनि देव को काला तिल प्रिय है। ऐसे में आप भी मकर संक्रांति के दिन काले तिल से सूर्य और शनि देव की पूजा करें, इससे आपको शनि के दोष से मुक्ति मिल सकती है।
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