लंदन, । पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के दमन का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया है। ब्रिटेन के हिंदू संगठनों ने इस मामले में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से दखल देने की अपील की है। हिंदू
ंगठनों ने खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर को तोड़ने की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं सहित अन्य अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार जारी है। इमरान सरकार इस पर रोक लगाने की बजाय कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेके हुए है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में इन संगठनों ने कहा, 'जॉनसन को हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की जान-माल की हिफाजत के लिए फौरन हस्तक्षेप करना चाहिए। ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान पर यह दबाव बनाएं कि वह अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रोककर उन्हें बराबरी का दर्जा प्रदान करें।' इन संगठनों का कहना है कि पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को जान बूझकर निशाना बनाया जा रहा है। आए दिन कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को नष्ट करने से बाज नहीं आ रहे। इन मामलों पर इमरान सरकार आंख मूंदे बैठी हुई है। ब्रिटेन को पाकिस्तान में मानवाधिकार की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में हिंदू फोरम ऑफ ब्रिटेन की अध्यक्ष तृप्ती पटेल, हिंदू स्वयं सेवक संघ के अध्यक्ष धीरज शाह, हिंदू काउंसिल के महासचिव रजनीश कश्यप, नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू टेंपल्स के अध्यक्ष अरुण ठाकर और विश्व हिंदू परिषद ब्रिटेन के अध्यक्ष त्रिभुवन जोटांगिया प्रमुख हैं।
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