छात्र/छात्राओं को डिप्थीरिया (गलघोटू) की रोकथाम के लिए टीकाकरण अनिवार्य नूंह, 22 अक्तूबर - अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक की अध्यक्षता में मंगलवार को उनके कार्यालय में डिप्थीरिया, गलघेंट
को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो इस मामले में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक करें। अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह ने निर्देश दिए गए कि सरकारी/निजि विद्यालयों में पढऩे वाले छात्र/छात्राओं को डिप्थीरिया (गलघोटू) की रोकथाम के लिए टीकाकरण किया जाएगा तथा सभी विद्यालय प्रभारी / निदेशक इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को सहयोग करेंगे। एडीसी ने बताया कि शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज में डिप्थीरिया के मरीजों के ईलाज हेतू अलग वार्ड बनाया गया है तथा यह भी बताया गया कि गले में सूजन, बुखार, निगलने में परेशानी व गले में सफेदी नजर आए तो तुरंत ही नजदीकी अस्पताल में ईलाज करवाएं। सिविल सर्जन डा. सर्वजीत सिंह ने बताया कि यह बीमारी कॉरीनेबैक्टेरियम डिप्थीरिया बैक्टीरिया के इंफेक्शन होती है और इसके बैक्टीरिया टांसिल व सांस नली को सबसे ज्यादा संक्रमित करते हैं। सांस लेने में दिक्कत, गर्दन में सूजन, बुखार, खांसी आदि हैं इसके लक्षण है। उन्होंने बताया कि बच्चे का टीकाकारण नियमित कराया जाये तो यह संक्रमण नहीं फैलता। उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, यह संक्रमण से फैलती है, इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आते हैं तथा इंफेक्शन से फैलने वाली यह बीमारी किसी भी आयुवर्ग को हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के होने के बाद सांस लेने में परेशानी होती है। यदि कोई व्यक्ति इसके संपर्क में आता है तो उसे भी डिप्थीरिया हो सकता है। यदि इसके लक्षणों को पहचानने के बाद यदि इसका उपचार न करायें तो यह पूरे शरीर में फैल जाता है, और यह एक बीमारी जानलेवा भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य डिप्थीरिया के प्रसार को रोकना तथा इसके प्रति जागरूकता बढऩा था।
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