होडल, डोरीलाल गोला होडल अनाज मंडी में स्थित मार्केट कमेटी कार्यालय के नीचे बनी अटल किसान-मजदूर कैंटीन में रोजाना सैकड़ो किसानो व मजदूरों को मात्र दस रुपए में पेट भर भोजन मिल रहा है। कैंटीन मे
ं रोजाना सैकड़ो किसानो व मजदूरों के लिए दोपहर व साए ताजा भोजन तैयार कर उन्हें परोसा जा रहा है। भोजन तैयार करने वाली महिलाएं व अन्य कर्मचारी कुछ वेतन में ही मजदूर व किसान का पेट भर रहे है। इस कैंटीन के कारण किसानों व मजदूरों को पेट भरने के लिए ज्यादा रुपए ना खर्च कर मात्र दस रुपए में पेट भर शुद्ध व शाकाहारी भोजन मिल रहा है इस भोजन से किसानों व मजदूरों का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। होडल अनाज मंडी में आसपास के दर्जनों गांवों से सैकड़ो किसान अपनी फसल लेकर आते है और मंडी में सैकड़ो मजदूर भी रोजाना कार्य करते है। किसान व मजदूर फसल बिकने के इंतजार में कई-कई दिनों तक अपनी ढेरियों पर पड़े रहते है। मंडी में फसल लेकर आने वाले किसानो व मजदूरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए व खाना खाने के लिए उनकी जेब पर पड़ने वाले वजन को देखते हुए प्रशासन ने मार्केट कमेटी कार्यालय के नीचे अटल किसान-मजदूर कैंटीन खोली हुई है जिसमें किसानों व मजदूरो को मात्र दस रुपए में पेट भर भोजन मिल रहा है। कैंटीन में मौजूद महिला कर्मचारी रोजाना दोपहर व साए के समय ताजा भोजन तैयार करके मजदूरों व किसानों को परोस रही है। रोजाना दोपहर व साए सैकड़ो किसान व मजदूर इस कैंटीन में पहुंचकर दस रुपए देकर पेट भर भोजन कर रहे है। कैंटीन की इंचार्ज संतोष कुमारी ने बताया कि किसानों व मजदूरों के लिए बनाई गई यह कैंटीन पिछले पांच साल से चल रही है। इस कैंटीन में पांच महिलाएं खाना बनाने व परोसने का काम करती है। उन्होंने बताया कि सुबह 11 बजे तक कैंटीन में खाना तैयार हो जाता है जो कि तीन बजे तक चलता है उसके बाद कैंटीन में साए के खाने की तैयारी शुरू कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि एक वक्त में लगभग पांच सौ छह सौ मजदूर व मजदूर किसान मात्र दस रुपए में भोजन करते है। कैंटीन में मिलने वाली थाली में दस रुपए में दो सब्जी, चावल व चार रोटी पड़ोसी जाती है। उन्होंने बताया कि कैंटीन में रोजाना किसानों व मजदूरों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दोपहर व साए को ताज़ा भोजन बनकर उन्हें परोसा जाता है वही किसानों व मजदूरों ने प्रशासन के द्वारा चलाई जा रही इस कैंटीन की सराहना की है। किसानों व मजदूरों का कहना है कि इस कैंटीन में दस रुपए में मिलने वाली थाली के कारण जहां खाना खाने के लिए उनकी जेब से खर्चा कम होता है वही उन्हें शुद्ध व शाकाहारी भोजन मिलता है जिससे उनका स्वास्थ्य भी दुरुस्त रहेगा।
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