सोहना अशोक गर्ग नगर परिषद एक लावारिस अवस्था में बनकर रह गई है कोई भी अधिकारी अपनी जिम्मेवारी को ना निभाकर अपनी मनमर्जी की जा रही है इसका एक ताजा उदाहरण जाम मिला जब नगर परिषद की चेयरपर्स श्रीमत
ी अंजू देवी पूर्व पार्षद लेखराज सिंह ने सोमवार को सुबह के समय 9:00 बजे कार्यालय पहुंचे तो वहां पर देखा की एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी मौके पर नहीं मिले जब उनका हाजी रजिस्टर में हस्ताक्षर देखे तो वहां पर 16 कर्मचारी ऐसे थे जो की स्थाई रूप से कम पर लगे हुए हैं उनमें से 9 कर्मचारी अधिकारी कार्यकारी अधिकारी मैडम सुमन लता प्रवीण कुमार अकाउंटेंट दिगंबर सिंह कनिष्ठ अभियंता अब्दुल्ला कनिष्ठ अभियंता सत्येंद्र सिंह यादव सफाई निरीक्षक हरिश मेहता दीपक कुमार यादव प्रॉपर्टी आईडी क्लर्क रविंद्र सिंह आदि जो की सरकार द्वारा निर्धारित समय अनुसार गैर हाजिरी मिले इसके अलावा तीन कर्मचारी ऐसे पाए गए जो की हाजिरी रजिस्टर में पहले से ही उनके हस्ताक्षर किए हुए थे जबकि कौशल रोजगार के माध्यम से लगाए गए 28 कर्मचारी अपना कार्य कर रहे हैं जबकि 14 कर्मचारी ऐसे पाए गए जो की निर्धारित समय पर कार्यालय में नहीं पहुंचे हुए थे चीन में सुभाष पटवारी मोनू सोनम राघव मनोज देवी राकेश कुमार मुजफ्फर कनिष्ठ अभियंता सफीक अधिकारी ईश्वर सिंह ललित कुमार आसिफ अली कनिष्ठ अभियंता अंकित कुमार सुपरीटेंडेंट आनंद कौशिक आदि कर्मचारी जो कि निर्धारित समय पर कार्यालय में नहीं पहुंचे हुए थे ऐसा होने से नगर परिषद कार्यालय अपने आप में एक लावारिस अवस्था में लोगों को देखने के लिए मिल रही है लोग अपने कार्य करने के लिए नगर परिषद कार्यालय में चक्कर काट-काट परेशान होते हैं लेकिन जो कर्मचारी कार्य कर रहा है वह मौके पर नहीं मिलते हैं क्योंकि नगर परिषद कार्यालय में कोई भी अधिकारी ऐसा नहीं है जो कि अपने जिम्मेवारी को निभाकर आम नागरिकों का काम समय पर कर पाए नगर परिषद विभाग हमेशा भ्रष्टाचार के मामले में सुर्खियों में रहती है प्रॉपर्टी आईडी हो या अन्य कोई भी काम कोई भी कर्मचारी अधिकारी सुविधा शुल्क की इंतजार में रहते हैं नहीं तो उनके कार्य को लंबित कर दिया जाता है लोगों को मजबूरी में सुविधा देने को मजबूर जाते हैं क्योंकि शिकायत करने वाला व्यक्ति अपनी शिकायत को किस अधिकारी से करें और उनकी समस्या का समाधान हो लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है जब कर्मचारी अधिकारी की मिली विगत हो तो लोगों की समस्या का समाधान कैसे हो पाएगा इतना ही नहीं अधिकारि अपने विकास कार्य को करने के लिए ठेकेदार से अधिकारी का फिक्स कमीशन होता है आम नागरिकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय नायक सिंह सैनी से गुहार लगाते हुए कहा है कि नगर परिषद सोहना मैं ऐसे अधिकारी स्थापित किया जाए जो की ईमानदारी से कार्य करें और लोगों के समय पर विकास कार्य हो सके नहीं तो सरकारी राशि को अधिकारी गण पानी की तरह खर्च करने में कोई देरी नहीं करते हैं क्योंकि उनका तो केवल एक ही मकसद होता है ठेकेदार से कमीशन प्राप्त करना लेट लतीफ आने वाले कर्मचारी अधिकारी गैर हाजिर मिलने पर चेयरपर्सन आगे की क्या कार्रवाई करते हैं यह तो समय बताएगा
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