हरियाणा विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। नियमों के तहत छह माह के भीतर विस सत्र बुलाना जरूरी है। संवैधानिक संकट को टालने के
िए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना या फिर विधानसभा भंग करना जरूरी है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज शाम को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई है। संभावना है कि बैठक में विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया जाएगा और राज्यपाल से इसकी सिफारिश की जाएगी। वहीं सीएम नायब सैनी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। ये हैं नियम नियमों के तहत संवैधानिक संकट को टालने के लिए गुरुवार तक सदन की बैठक बुलाना या फिर विधानसभा भंग करना जरूरी है। विधानसभा भंग होने के बावजूद चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक नायब सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे। 13 मार्च को बुलाया गया था अंतिम सत्र बता दें कि हरियाणा विधानसभा का अंतिम सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। नियमों के तहत हर छह महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना अनिवार्य है। संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए। इसलिए सरकार के लिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना जरूरी है। संवैधानिक संकट टालने के लिए अब विधानसभा भंग करने के लिए राज्यपाल को लिखना होगा।
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