सोनू वर्मा --------------------------------------------------------- नूंह। उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत आमजन को लाभ दिया जा रहा है। उन्होंन
कहा कि विभाग द्वारा वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा तथा निराश्रित पैंशन, दिव्यांग पैंशन, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता, लाड़ली पैंशन, बौना भत्ता, 0 से 18 स्कूल नही जाने वाले मंदबुद्धि बच्चों को वित्तीय सहायता, एसिड अटैक से पीडि़त महिला व लडक़ी को वित्तीय सहायता, किन्नर भत्ता, कश्मीरी विस्थापित परिवारों को वित्तीय सहायता, राष्टï्रीय परिवार लाभ योजना, दिव्यांग छात्रों को छात्रवृति, दिव्यांग पहचान पत्र बनाकर लाभ प्रदान किया जाता है। सभी योजनाओं के आवेदन हेतू परिवार पहचान पत्र की प्रति संलग्र करना अनिवार्य है। उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के तहत आमजन को लाभ दिया जा रहा है। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत 2250 रुपए प्रति माह की दर से प्रदान की जाती है। वृद्धावस्था पैंशन प्राप्त करने हेतू विभिन्न पात्रता की शर्तें पूरी करनी होती हैं, जिसमें हरियाणा का प्रत्येक वासी जिसकी आयु 60 वर्ष या इससे अधिक हो, जन्म तिथि, आयु के सबूत के तौर पर आवेदक जन्म तिथि प्रमाण-पत्र, स्कूल प्रमाण-पत्र, मतदाता पहचान पत्र, मतदान सूची में से कोई एक स्वयं सत्यापित दस्तावेज अनिवार्य है, हरियाणा राज्य का 5 वर्ष का स्थाई निवासी, जिनको रिहायशी प्रमाण-पत्र, वोट कार्ड, राशन कार्ड का प्रमाण देना अनिवार्य है, प्रार्थी तथा पति या पत्नी की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नही होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि विधवा व निराश्रित पैंशन 2250 रुपए प्रति माह की दर से प्रदान की जाती हैं। पात्रता शर्तों के अनुसार आवेदक के पति की मृत्यु होने, प्रार्थी का प्रति का 100 प्रतिशत दिव्यांग होना, 7 वर्ष या इससे अधिक गुमशुदगी की पुलिस रिपोर्ट, कोर्ट से तलाक, पति का एक वर्ष से अधिक कारावास में होने की सूरत में विधवा व निराश्रित पैंशन का लाभ दिया जाता है्र परिवारा की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नही होनी चाहिए। दिव्यांग पैंशन 2250 रुपए प्रति माह की दर से प्रदान की जाती है। पात्रता शर्तों के अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु वाले दिव्यांग व्यक्ति का 60 या इससे अधिक प्रतिशत दिव्यांग या मंदबुद्धि दिव्यांग का सिविल सर्जन से जारी प्रमाण-पत्र, परिवार की सभी साधनों से मासिक आय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित अकुशल मजदूर की न्यूनतम मजदूरी से अधिक ना हो। उपायुक्त ने बताया कि निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता 1350 रुपए प्रति बच्चा प्रति माह की दर से प्रदान की जाती है। पात्रता शर्तों में जिन बच्चों के माता-पिता जीवित नही है या 100 प्रतिशत दिव्यांग है, 7 वर्ष या इससे अधिक गुमशुदगी की पुलिस रिपोर्ट, कोर्ट से तलाक, पति का एक वर्ष से अधिक कारावास में होने पर अधिकत्तम दो बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक लाभ प्रदान किया जाता है। बच्चे के माता-पिता या संरक्षक की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नही हो। लाडली पैंशन योजना के तहत 2250 रुपए प्रति माह की दर से प्रदान की जाती है। पात्रता शर्तों में प्रार्थी का अपना स्वयं का लडक़ा या गोद लिया कोई लडक़ा न हो, केवल लडक़ी व लड़कियां हो, पति या पत्नी 45 वर्ष से अधिक तथा 60 वर्ष से कम हो, प्रार्थी पति तथा पत्नी की वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नही हो। उन्होंने बताया कि बौना भत्ता 2250 रुपए प्रति माह की दर से प्रदान किया जाता है। पात्रता शर्तों में इस योजना के अंतर्गत सिविल सर्जन द्वारा जारी प्रमाण-पत्र में प्रार्थी की ऊंचाई, जिसमें पुरूष की ऊंचाई 3 फुट 8 इंच व महिला हेतू 3 फुट 3 इंच होनी चाहिए। परिवार की सभी साधनों से मासिक आय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित अकुशल मजदूर की न्यूनतम मजदूरी से अधिक नही हो। जीरो से 18 आयु के स्कूल नही जाने वाले मंदबुद्धि बच्चों को वित्तीय सहायता के रूप में 1650 रुपए प्रदान किए जाते हैं। पात्रता शर्तों में 0 से 18 वर्ष से कम आयु के स्कूल नही जाने वाले मंदबुद्धि बच्चां, जिनकी आई क्यू 50 प्रतिशत से कम का दिव्यांग प्रमाण-पत्र जोकि सिविल सर्जन द्वारा जारी किया गया हो, बच्चे के माता-पिता की सभी साधनों से मासिक आय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित अकुशल मजदूर की न्यूनतम मजदूरी से अधिक नही हो। एसिड अटैक से पीडि़त महिला व लडक़ी को वित्तीय सहायता के रूप में अधिकत्तम 9 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। पात्रता शर्तों में हरियाणा राज्य के प्रत्येक वासी को जो एसिड अटैक से पीडि़त है,यदि पीडि़त 18 वर्ष से कम आयु की है तो उसके माता-पिता या अभिभावक तथा यदि पीडि़त शादीशुदा है तो उसके प्रति, माता-पिता तथा अभिभावक द्वारा आवेदन किया जा सकता है। पीडि़त का सिविल सर्जन द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण-पत्र, एफआईआर एवं महिला बाल विकास विभाग से प्राप्त लाभ की प्रति जमा करवानी अनिवार्य है। इस योजना में 40 से 50 प्रतिशत दिव्यांग होने पर वर्तमान दिव्यांग पैंशन का 2.5 गुणा ज्यादा, 51 से 60 प्रतिशत दिव्यांग होने पर वर्तमान दिव्यांग पैंशन का 3.5 गुणा ज्यादा, 61 से 100 प्रतिशत दिव्यांग होने पर वर्तमान दिव्यांग पैंशन का 4.5 गुणा ज्यादा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि किन्नर भत्ता योजना के तहत 2250 रुपए प्रति माह की दर से राशि प्रदान की जाती है। पात्रता शर्ताे में सिविल सर्जन द्वारा जारी किन्नर प्रमाण-पत्र तथा आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, परिवार की सभी साधनां से मासिक आय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित अकुशल मजदूर की न्यूनतम मजदूरी से अधिक नही हो। कश्मीरी विस्थापित परिवारों को 1000 रुपए प्रति सदस्य प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। पात्रता शर्तों में जम्मू एवं कश्मीर से हरियाणा राज्य में विस्थापित हुए कश्मीरी विस्थापित परिवारों को सरकार द्वारा 1 हजार रुपए प्रति सदस्य प्रति माह प्रदान किए जाते हैं। एक परिवार को अधिकत्तम 5 हजार रुपए का लाभ दिया जा सकता है। परिवार की सभी साधनों से वार्षिक आय 2 लाख रुपए से अधिक नही हो। उपायुक्त धीरेन्द्र खडग़टा ने बताया कि राष्टï्रीय परिवार लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपए की एक मुश्त राशि प्रदान की जाती है। पात्रता शर्तों में इस योजना अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों के मुख्य जीविकापार्जक की मृत्यु होने पर 20 हजार रुपए की एक मुश्त राशि मृतक के परिवार को दी जाती है। मृतक की आयु 18 वर्ष से अधिक व 60 वर्ष से कम होनी चाहिए। मृतक के परिवार का नाम बीपीएल सूची में होना अनिवार्य है। आवेदन फार्म मृत्यु तिथि से एक वर्ष की अवधि के अंदर-अंदर कार्यालय में जमा करवाना आवश्यक है। दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। पात्रता शर्तों के अनुसार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में पढ़ रहे सभी प्रकार के दिव्यांग, जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या इससे अधिक हो, पहली से कक्षा चौथी कक्षा तक 400 रुपए, पांचवी से आठवीं तक 500 रुपए, नौंवी से बारहवीं कक्षा तक 600 रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। कक्षा 8वीं के बाद छात्र की पास प्रतिशतता 40 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। परिवार की मासिक आय 10 हजार रुपए से अधिक नही हो। दिव्यांग पहचान पत्र के अंतर्गत 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग को दिव्यांग पहचान पत्र जारी किए जाते हैं। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा दिव्यांगों को ऑनलाईन स्वावलंबन कार्ड जारी किए जा रहे हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी सरफराज खान ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी सभी योजनाओं का लाभ समयबद्ध प्रदान किया जा रहा है। जिलावासियों को अपनी पात्रता अनुसार इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करना चाहिए। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आवेदन ऑनलाईन अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सैंटर, अंत्योदय सरल केंद्र के माध्यम से कर सकता है। आमजन को जागरूक करने के लिए समय-समय पर जागरूकता शिविर का आयोजन भी विभाग द्वारा किया जाता है। यदि किसी भी प्रकार की कोई समस्या है तो वह व्यक्ति जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकता है।
Comments