ग्रामीणों और पहलवानों में रोष व्याप्त होडल, डोरीलाल गोला जिला पलवल के एक दंगल कमेटी के आयोजक द्वारा होडल विधानसभा क्षेत्र के गांव मुंडकटी के निकट प्रतिवर्ष दंगल का आयोजन किया जाता है। उक्त
ंगल बलदेव छट के उपलक्ष्य में पिछले लगभग 41 वर्षों से लगातार लगाया जाता रहा है। अबकि बार उक्त दंगल आगामी 9 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा। इस दंगल में 51 हजार तक की कुस्ती कराई जाती हैं। उक्त दंगल में कहने को तो चौबीसी के सभी गांवों के पहलवानों का सम्मान किया जाता है, लेकिन गांवों के डोर टू डोर धनराशी की उगाही के बाद भी क्षेत्र के पहलवानों को प्रर्याप्त सम्मान नहीं दिया जाता है, जिसके कारण पहलवानों में आयोजकों के खिलाफ रोष व्याप्त है। बताया जाता है कि अबकि बार उक्त दंगल में पुलिस महानिदेशक शत्रूजीत कपूर मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। होडल क्षेत्र के लोगों से लाखों की उगाई होने के बाद भी क्षेत्र के पहलवानों अनदेखी और उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। इस मामले में पहलवानों ने जानकारी देते हुए बताया की मुंडकटी थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनसिंह सौरोत नामक एक आयोजक द्वारा प्रतिवर्ष विशाल दंगल का आयोजन कराया जाता है। उक्त दंगल के आयोजन के लिए क्षेत्र के समाजसेवकों, पहलवानों और सामाजिक संस्थाओं से लाखों रुपए की धनराशी एकत्रित की जाती है। उक्त दंगल में होडल क्षेत्र के अलावा आस पास के विभिन्न गावों व उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान आदि राज्यों से भी पहलवान अपना दम दिखाने पहुंचते है। जिसमें उच्च स्तर के पहलवान अपने दम खम का जौहर दिखाने के लिए सैंकडों पहलवान पहुंचते हैं, लेकिन पहलवानों के नाम पर लाखों रुपए की राशी एकत्रित करने के बाद भी आयोजक रतनसिंह सोरोत द्वारा विजेता पहलवानों को ईनाम स्वरूप पर्याप्त राशी दी नहीं जाती है। जिसके कारण पहलवानों के अलावा अन्य ग्रामीणों में आयोजक के खिलाफ रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार से पहलवानों के नाम पर धनराशी एकत्रित करने और पहलवानों को ही नहीं देने से इस मामले में भ्रष्टाचार की बू आती दिखाई दे रही है। जिसका खुलासा होना जरूरी है। वहीं इस मामले में चौबीसी के नामी पहलवान निव्वो का कहना है कि मुड़कटी पर होने वाला दंगल चौबीसी का दंगल है फिर भी उन्हें, मुद्दा पहलवान, जिला केसरी मुकेश पहलवान को दंगल में बुलाया तक नही जाता। उन्होंने कहा कि आयोजक ही अपनी मर्जी से साठगांठ कर इस कार्यक्रम को चौबीसी का कहकर आयोजित करते है। इस दंगल से चौबीसी के नामी ग्रामी पहलवानों की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है।
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