चिराग गोयल/फिरोजपुर झिरका। झिर मंदिर के पास बहने वाले झरनों को दोबारा शुरू करने के लिए दो लोगों ने यह अभियान चलाया है। आपको बताते चलें बरसों पहले तिजारा रोड़ पर कल-कल पानी का झरना बहता था, जो कि
ोग प्राकृतिक सौंदर्यीकरण को देखने के लिए लोग दूर दूर से देखने के लिए आते थे, इस जगह पर सौंदर्य झरने बहने की बजह से इस शहर का नाम "झिरका" रखा गया। वही पानी की सफाई काम करा रहे प्रेम योगी ने बताया कि पानी में भारी-भरकम पत्थर कूड़ा करकट व लंबी झाड़ियां लगने के वजह से पानी चलना बंद हो गया था।जिसकी वजह से झरने का पानी बहना बंद हो गया, बंद झरनों को दोबारा सुचारु रुप से शुरू करने के लिए मेरे बड़े भाई सोमनाथ योगी ने बीड़ा उठाया है, जिसके लिए उन्होंने बंदे लगा रखे हैं, यह कार्य लगभग एक डेढ़ महीने पहले से चलता आ रहा है हमने उनसे भी बंद स्रोतों का पता लगा लिया है जो सभी स्रोतों की सफाई शुरू की गई जिसकी वजह से कुछ पानी चलना शुरू हो गया है, और यह अभियान जब तक चलता रहेगा जब तक पानी की सही ढंग से सफाई ना हो जाए तब तक हमें यह कार्य कराना है, यह मेरे स्वर्गीय पिता जी रघुनाथ सिंह का सपना था कि यहां पर दोबारा झरना सुचारू रूप से चले और झिर मंदिर की सौंदर्य करण को देखने के लिए लोग उमड़े और इस अभियान में जो भी कोई भाई जुड़ना चाहे वह जुड़ सकता है। इस मौके पर कृष्ण प्रजापति,जितेंद्र सैनी,विजेंद्र कार्यरत रहे।
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