साहून खान नूंह। जिले नूंह के गांव बाई का डंडा से लेकर मेवली मालब तक किसानो की जीवन रेखा कहीं जाने वाले कहीं जाने वाला नहर डिस्टबूटरी /गंदा नाला आखिरकार चक्करवाती अनचाही बरसात में टूट गया है औ
र जहां पूरा एनसीआर में खुशनुमा बरसाती मौसम तो कही जलमग्न होता दिखाई दिया और साथ ही सरकार की व्यवस्थाएं भी चरमराई हुई नजर आई वहीं पर जिला नूंह के रोजका मेव बाई के डंडा से लेकर ग्राम रेवासन, घासेडा, रिठौडा,चदैंनी, पल्ला, पडली, नूंह, खेडला, बाई, मुरादबास मेवली, मालब के किसानो की जीवन रेखा कहा जाने वालाी नहर डिस्टबूटरी /गंदा नाला दिनांक 5 जनवरी की रात को नहर विभाग की घोर लापरवाही के कारण अधिक पानी छोड़े जाने के कारण टूट गया और नूंह के तावडू मेडिकल बाईपास रोड के साथ बसी अवैध कॉलोनी जलमग्न हो गई जिसे लेकर प्रशासन ने आनन.फानन में लोगों की मदद के लिए रेड क्रॉस विभाग के लिए आदेश जारी किये और राहत पहुंचाने का काम किया। वहीं विभाग ने नहर /गंदे नाले को बंद कर उसकी मरम्मत का काम तुरंत प्रभाव से चला दिया जिसे लेकर विभाग के कार्यकारी अभियंता विनित नरवाल व अधिकारी व कर्मचारी मौके पर काम करते हुए नजर आए अवैध कलोनी मंे भरे पानी को विभाग ने पंप सैट लगाकर पानी को निकालने की व्यवस्था करते हुए नजर आए जब इस बारे में कार्यकारी अभियंता सिंचाई विभाग से बात की गई और उनके अधिकारियों से बात की गई तो वे सभी इस बात को बताने में असमर्थ नजर आए कितना पानी नहर डिस्टबूटरी गंदे नाले में छोड़ा गया था और उन्हे ये भी नही पता की उक्त नहर के टूट जाने से कितना धन मीटर पानी अवैध कालोनी मे भर गया हैं जिससे कितना नुकसान हुआ है। इस सवाल को लेकर अधिकारी एक दूसरे का चेहरा देखते हुए नजर आये। जिसे लेकर अधिकारी बस काम करने और आनन.फानन में मरम्मत का काम करते हुए नजर आए यह विभाग की एक घोर लापरवाही नजर आ रही है। जब वन कुमार राजेन्द्र धनीराम किसानों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नहर/गंदे नाले को पिछले काफी सालों से साफ नहीं किया गया था और ना ही रखरखाव के कार्य पर ध्यान दिया गया था जिसे लेकर ऐसा लगता है कि विभाग ने केवल कागजों में ही नहर /गंदे नाले की सफाई कर देता हो और जमीनी हकीकत कुछ और ही कहती है जिसके लिए जांच कमेटी बैठकर जांच की जानी चाहिऐ।
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