बिहार में तीसरे चरण के मतदान से पहले राजद को तीन दिन में तीन बड़े झटके लगे हैं। लालू यादव और तेजस्वी यादव इधर प्रचार में व्यस्त हैं। उधर पार्टी के 3 नेताओं ने पाला बदलकर टेंशन बढ़ा दी है। राजद क
छोड़ने के पीछे इन नेताओं की अपनी-अपनी वजह है। वहीं दूसरी पार्टियों को भी उनके ही नेताओं ने पाला बदलकर झटका दिया है। बिहार में तीसरे चरण के चुनाव से पहले लालू यादव (Lalu Yadav) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को बीते 3 दिन में तीन बड़े झटके लगे हैं। राजद के लिए प्रचार में जुटे लालू-तेजस्वी के तीन नेताओं ने अपना पाला बदलकर टेंशन बढ़ाने का काम किया है। लोकसभा चुनाव में इस बार पाला बदलने की प्रवृत्ति बड़े स्तर पर देखी गई है। कई नेता और पूर्व अधिकारी टिकट की आस में किसी पार्टी में शामिल हुए। नेतृत्व ने उन्हें खास संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने का भरोसा दिया। इसके बाद इनका क्षेत्र भ्रमण शुरू हो गया। धूमधाम से प्रचार शुरू किया। भ्रमण के समय ही इन्हें खबर मिली कि उनके क्षेत्र की उम्मीदवारी किसी और को मिल गई है। बस, उसी समय दल छोड़ने का इरादा कर लिया। कुछ दिन बाद दल से अलग होने की घोषणा भी कर दी। ऐसे लोगों में दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों के अलावा स्वयं को किसी पार्टी के प्रति समर्पित बताने वाले नेता भी हैं। किन नेताओं ने राजद को कहा अलविदा ताजा झटका राजद (RJD) को लगा है। उसके तमिलनाडु कैडर के आईपीएस अधिकारी और वहां के पूर्व डीजीपी करुणा सागर (Ex IP Karuna Sagar) तामझाम के साथ राजद में शामिल हुए थे। उन्हें जहानाबाद से उम्मीदवार बनाने का संकेत मिला था। वह क्षेत्र में सक्रिय हुए। व्यापक जनसंपर्क किया। गुरुवार को करुणा सागर ने कहा कि अब कांग्रेस की राजनीति करेंगे। संभव है कि शुक्रवार को नई दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करें। इससे पहले राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश भारती ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। बताया गया कि वह नामांकन सभा में नजरअंदाज किए जाने की वजह से काफी नाराज थे। सोशल मीडिया पर भी उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी दी। बता दें कि इससे पहले गणेश भारती (Ganesh Bharati) को राजद ने स्टार प्रचारक बनाया था। यहां पढ़ें पूरी खबर बीते तीन दिन के भीतर राजद छोड़ने वाले तीसरे नेता पूर्व सांसद रामा सिंह हैं। उन्होंने भी बीते रोज ही पार्टी का अलविदा कहा है। इसके साथ ही वह अपने समर्थकों के साथ लोक जनशक्ति पार्टी में शामिल हो गए हैं। खुद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने उन्हें अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई है। यहां पढ़ें पूरी खबर कांग्रेस-भाजपा से ये नेता नाराज तमिलनाडु कैडर के एक अन्य पूर्व आईपीएस कुमार रवि (Ex IPS Kumar Ravi) समस्तीपुर से चुनाव लड़ने के लक्ष्य के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। हालांकि, उनका टिकट कट गया। हालांकि, उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा नहीं की है। लेकिन, उनकी राजनीतिक सक्रियता कम हो गई है। एक अन्य पूर्व आईपीएस आनंद मिश्र (Former IPS Anand Mishra) बक्सर से भाजपा के गंभीर उम्मीदवार थे। वहां से भाजपा ने मिथिलेश तिवारी को टिकट दे दिया। अभी बक्सर के लिए नामांकन होना बाकी है। आनंद के पास निर्दलीय चुनाव लड़ने का विकल्प खुला हुआ है। चिराग पासवान की पार्टी को भी लगा झटका पूर्व अधिकारी ही नहीं, वर्षों से किसी दल में सक्रिय नेताओं का भी बेटिकट होने के बाद पलायन हो रहा है। लोजपा रा के संस्थापक सदस्य रवींद्र सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया। रवींद्र के अनुसार, उन्हें वैशाली से टिकट मिलने आश्वासन मिला था। क्षेत्र में उनका प्रचार भी शुरू हो गया था। टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व सांसद अरुण कुमार लोजपा रा छोड़ बसपा में शामिल हो गए थे। पाला बदलने पर इन्हें मिला टिकट हालांकि, सबके साथ बुरा ही नहीं हुआ। भाजपा (BJP) के पूर्व सांसद अजय निषाद को कांग्रेस ने उम्मीदवार बना दिया है। जदयू की विधायक बीमा भारती पूर्णिया से राजद उम्मीदवार हैं। जदयू के अभय कुशवाहा को राजद ने औरंगाबाद से उम्मीदवार बनाया। पूर्व सांसद लवली आनंद राजद से जदयू में गईं। वह शिवहर से जदयू उम्मीदवार हैं।
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