श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रद्धालुओं ने की भगवान श्री गिर्राज धरण की पूजा अर्चना चिराग गोयल, फिरोजपुर झिरका।: स्वर्णकार समाज के कुक्करस परिवार के सौजन्य से खंड के गांव दुगरी में चल
ही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्री गोवर्धन पर्वत लीला का वृतांत का वाचन किया गया। वहीं कथा प्रवक्ता पंडित शिवम कृष्ण शास्त्री गोकुल वाले ने अपने मुखारविंद से श्री गोवर्धन पर्वत लीला पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देवताओं के राजा इंद्र को अपने ऊपर काफी अभिमान था। जिसके चलते भगवान श्री कृष्ण ने नंदगांव के लोगों से इंद्रदेव की पूजा करने बजाय श्री गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की सलाह दी। भगवान कृष्ण के परामर्श पर ग्रामीणों ने विधिवत रूप से श्री गिरिराज पर्वत की पूजा अर्चना की तो भगवान श्री कृष्णा ने नंदगांव के लोगों को चतुर्भुज रूप में दर्शन दिए। अपने क्रोध के वशीभूत देवराज इंद्र ने नंद ग्राम वासियों से इस बात का प्रतिशोध लेने के लिए भारी भरकम वर्षा एवं तूफान खड़ा कर दिया। जिसके कारण समस्त नंदगांव के लोगों में अफरा तफरी मच गई। बृजवासियों की समस्या को संज्ञान में लेते हुए भगवान श्री कृष्ण ने अपनी कन्या उंगली से गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासी एवं उनके गाय बछड़ों को शरण दी। श्री कृष्ण ने अपने दिव्य शक्ति से इंद्र को अचेत कर उसका अहंकार चूर कर दिया। देवराज इंद्र को अपनी गलती पर काफी पश्चाताप हुआ और भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना की इसके उपरांत उन्होंने ऐरावत हाथी की सूंड से चल मंगवाकर उनका अभिषेक किया और पूजा अर्चना की वहीं भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र से मनोवांछित वर मांगने के लिए कहा। तभी इंद्र ने अपने धर्मपुत्र अर्जुन की रक्षा के लिए वरदान मांगा और देवराज इंद्र ने भगवान श्री कृष्ण को गोविंद नाम देकर उनकी जय जयकार की। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में और क्रोध धर्म प्रेमियों ने श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किया और विधिवत रूप से गोबर से निर्मित गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना की।इस मौके पर केंद्र पाल सोनी, भगवानदास सोनी, नवल किशोर सोनी, सहदेव सोनी, सतीश सोनी, अशोक सोनी,मुकेश सोनी, अंकुर सोनी, मोहित सोनी, गौरव सोनी, पंकज सोनी, भारत सोनी एवं समस्त कुक्करस परिवार (स्वर्णकार) एवं काफी संख्या में गांव दुगरी के लोग मौजूद रहे।
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