पुष्पेंद्र शर्मा फिरोजपुर झिरका। वात्सल्य मूर्ति आचार्य श्री 108 ज्ञानभूषण जी मुनिराज रत्नाकर का अवतरण दिवस सर्वसमाज ने पूर्ण, निष्ठा ,आस्था, श्रद्धा के साथ ज्ञान सप्ताह जन चेतना व प्रेरण
दिवस के रुप मे मनाया गया । प्राचीन शिव मंदिर अस्थल नगीना के प्रांगण में ज्ञानवर्धक,प्रतियोगिता,पौधारोपण,योगासन, खेलकूद आदि प्रतिस्पर्धाओ का आयोजन किया गया। गौ माता को फलाहार व गौसेवा करना ।अस्थल मंदिर कमेटी के अध्यक्ष श्री किशन चंद गोयल के सानिध्य में पौधरोपण किया गया। सर्वजातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की आचार्य श्री 108 ज्ञान भूषण जी मुनिराज ज्ञान का अमूल्य अपार भंडार है। युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आचार्य श्री ने अपने ज्ञान तप त्याग के माध्यम से सत्य, अहिंसा, जियो और जीने दो का प्रचार प्रसार कर देश व विश्व में सच्ची शांति का मार्ग प्रशस्त्र कर रहे हैं। वहीं प्रत्येक प्राणी मात्र के प्रति आपसी मैत्रीभाव का जनसंदेश जन जन को दे रहे हैं । नगर पालिका अध्यक्ष मनीष जैन पूर्व मार्केट कमेटी अध्यक्ष सुनील जैन नगर पार्षद गौरव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि महाराज श्री के 62वें "दिवस के मौके पर प्रात: पूजा विधान का पाठ हुआ इसके उपरांत भक्तों द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में सर्व धर्म के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। आचार्य श्री का मंगल जन सन्देश:- आचार्य श्री 108 ज्ञान भूषण जी मुनिराज ने अपना जनसंदेश भेजा। रजत जैन ने जनसंदेश के बारे में बताया की आचार्य श्री ने कहा है की आप किसान बनो सैनिक बनो या संत बनो। किसान अन्नदाता होता है, मेहनत करके अन्न पैदा करता है, सब का भरण पोषण करता है। सैनिक का दायित्व प्रजा व देश की रक्षा करना होता है। संत का कार्य जन-जन को सद्मार्ग दिखाना व धर्म प्रचार करने का होता है। अपने चाहे किसी भी पंथ में धर्म में जन्म लिया हो लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए राज धर्म सर्वोपरी होना चाहिए। राज धर्म व्यक्ति का प्रथम धर्म है
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