उदय चन्द माथुर हथीन : आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के आहवान पर जिला पलवल की सभी आशा वर्करों ने हथीन सीएचसी के अंदर आने वाली पीएचसी नांगल जाट, कोट, उटावड, छांयसा तथा कलसाडा की सभी आशा वर्कस एकत्रित ह
ुईं। अस्पताल में एकत्रित हुईं आशा वर्कर्स की बैठक अध्यक्षता जिला प्रधान गीता देवी ने की और संचालन राजन ने किया। रैस्ट हाऊस परिसर में आशा वर्करों को सम्बोधित करते हुए जिला प्रधान श्रीपाल सिंह, संतोष, सरोज ने कहा कि हरियाणा सरकार ने लम्बे आंदोलन के बाद 2018 में समझौता किया था, जो अभी तक लागू नहीं किया गया है। 26 अगस्त 2020 को वर्कर्स ने विधानसभा का घेराव किया था, जिसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी कृष्ण बेदी ने 10 दिन में बातचीत का पत्र देते हुए कहा था कि आपकी समस्याओं का हल 10 दिन में कर दिया जाएगा। लेकिन 4 महीने बीतने पर भी सरकार ने आशा वर्करों से बातचीत भी नहीं की है और न ही मांगों का कोई समाधान किया है। आशा वर्कर सरकारी अस्पताल से रेस्ट हाउस परिसर में प्रदर्शन करती हुईं पहुंची तथा स्थानीय बीजेपी विधायक प्रवीण डागर को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विधायक के समक्ष उन्होंने अपनी मांगे रखीं। ज्ञापन के अनुसार आशा वर्करों की मुख्य मांगे 45 वे श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू करते हुए आशा वर्कर को नियमित करने, न्यूनतम वेतन 24000 दिए जाने एवं सभी सामाजिक सुरक्षा के लाभ देने की मांग की। इसके अलावा एनएचएम के वर्क को स्थाई बनाया जाए, सबके लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य मुहैया कराई जाए। आशा वर्करों ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की है कि एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत तुरंत लागू हो गंभीर रूप से बीमार दुर्घटनाओं के शिकार आशा वर्करों को सरकार के पैनल के अस्पताल में इलाज की सुविधा दी जाए। आशाओं को ग्राम स्तरीय कर्मचारी बनाया जाए, जब तक नियमित कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए। इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए, इसके साथ की भी सुविधा दी जाए। आशा वर्करों को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए लागू किया जाए तथा किसी भी आशा वर्कर को किसी भी सूरत में नहीं हटाया जाए ।
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