तावडू 20 अक्टूबर (दिनेश कुमार): नवरात्रों के पावन अवसर पर मंदिरों में दुर्गा मां के छटे स्वरूप कात्यायनी माता की पूजा शुक्रवार को श्राद्धालुओं द्वारा श्रद्धा पूर्वक की गई। माता कात्यायनी की भ
्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बडी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फ लों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी आलौकिक तेज और प्रभाव से मुक्त हो जाता है। देवी कात्यायनी दानवों तथा पापियों का नाश करने वाली देवी है। वैदिक युग में ये ऋषि-मुनियों को कष्ट देने वाले दानवों को अपने तेज से ही नष्ट कर देती थी। सांसारिक स्वरूप में यह सिंह सवार चार भुजाओं वाली सुसज्जित आभा मंडल युक्त देवी है। मन से की गई भक्ति और आराधना इन्हें भक्तों के पास खींच लाती है। नवरात्रों का शुभारंभ गत रविवार को हुआ और शारदीय नवरात्रों का विशेष महत्व है। शारदीय नवरात्रों में मां दुर्गा की उपासना करने से स्वर्ग जैसे योग और मोक्ष जैसी शांति मिलती है।
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