धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। निपुण हरियाणा कार्यक्रम के तहत भाषा विकास के लिए थियेटर नाटक कला परफॉर्मिंग आर्ट से सरकारी स्कूलों में बच्चों में कला के प्रति रुझान बढ़ाने, उनमें कला का संचार कर
े के उद्देश्य से शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार गढ़ी (बोलनी) खंड बावल के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में रामलीला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत कक्षा पहली से तीसरी तक के विद्यार्थियों को बाल केन्द्रित, बाल मित्रवत, गतिविधि आधारित, रुचिकर, भयमुक्त वातावरण में निपुण मिशन के अंतर्गत निर्धारित दक्षताओं में निपुण बनाये जाने का कार्य किया गया। स्कूल सदस्य रेखा रानी मुख्याध्यापिका, अजय कुमार, हरीश कुमार अध्यापकों ने बच्चों को राम लीला की तैयारी करवाई थी। उन्होंने कहा कि नाटक एवं मंचन कला में भाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संवाद बोलना, पढऩा, लिखना, जहां भाषा के शुद्ध उच्चारण कौशल को बढ़ाता है, वहीं भाषा शिक्षण को रुचिकर भी बनाता है। एनसीईआरटी तथा शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा बनाई गई कक्षा 6 की हिंदी की पुस्तक बाल राम कथा से बाल रामलीला का स्कूल स्तर पर मंचन कराया गया। छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों के मन में इससे भाषा के प्रति रुचि व समझ बढ़ेगी। एबीआरसी अनिता यादव ने बताया कि निपुण रामलीला के दृश्यों का पहले 15 अक्टूबर तक अभ्यास कराया गया। अब 16 अक्टूबर को स्कूल में निपुण मेला आयोजित करके निपुण बाल रामलीला प्रस्तुत की गई। निपुण रामलीला में भाग लेने के लिए कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा रामलीला के पांच छोटे दृश्य लिए गए। इन पांच दृश्यों में से एक दृश्य का मंचन करने के लिए चुनाव किया गया। कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को राम लीला में प्रतिनिधित्व दिया गया। कक्षा तीसरी, चौथी और पांचवी की तुलना में पहली व दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को छोटे संवाद दिए गए। बच्चों द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली रामलीला को देखने के लिए उनके अभिभावकों और समाज के लोगों को भी स्कूल में आमंत्रित किया गया। जिसमें नरेंद्र चौहान, नानकचंद, बलबीर लक्ष्मीनारायण, मौसमी, शीला सुनीता आदि अभिभावकों ने निपुण बाल रामलीला को देखकर बहुत आनंद लिया।
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