तावडू 3 अक्टूबर (दिनेश कुमार): शहर की पंजाबी धर्मशाला में चल रही श्रीमद भागवत कथा के दौरान मंगलवार को तृतीय दिवस की कथा में बताया श्री वेदव्यास जी ने कलियुग के लोगों के कल्याण के लिए अठारह हजार
्लोक 335 अध्याय 12 स्कंध में भागवत की रचना की। श्री शुकदेवजी महाराज ने यही भागवत राजा परीक्षित को श्रवण करायी। कथावाचक शिखा दीदी ने भागवत कथा के माध्यम से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की महिमा बतायी। भगवान की भक्ति के लिए कथा सत्संग सहज साधन है, ये मानव शरीर दुर्लभ है और इस मानव देह में संतो का संग, भगवान की कथा मिलना भगवत्कृपा है। भगवान के अवतारों का वर्णन करते हुए कहा भगवान अधर्म का नाश करने के लिए धर्म की रक्षा के लिए समय समय पर कभी राम भी कृष्ण बनकर अवतार लेकर आते हैं। कपिलदेवहूति संवाद, सती प्रसंग आदि का वर्णन में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष ये चार पुरूषार्थ सभी मनुष्य के जीवन में होने चाहिए। इस अवसर पर गुलशन अरोडा, बलबीर जैन, दाउदयाल सिंघला, हाकम तनेजा, रणजीत मदान, अशोक शर्मा, उमेश मदान, किशन तनेजा, नीरज सोनी आदि मौजूद रहे।
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