पुष्पेंद्र शर्मा फिरोजपुर झिरका। नगर पालिका कर्मचारी संघ जिला नूह के उप प्रधान मुकेश कुमार की अगुवाई में चल रहे चार दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल के दौरान कर्मचारी यूनियन के राज्य प्रधान नरेश श
ास्त्री अपनी कर्मचारी यूनियन की टीम के साथ फिरोजपुर झिरका के कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल की हौसला अफजाई करने के लिए नपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे जहां कर्मचारियों ने अपने नेता के आगमन पर फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। वहीं प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । फिरोजपुर झिरका नगर पालिका कार्यालय के बाहर चार दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का हौसला उसे समय और दोगुना हो गया जब उनके कर्मचारी नेता उनके बीच है राज्य कर्मचारी यूनियन के प्रधान नरेश शास्त्री ने कहा कि सरकार के नेता और मंत्री दलितों के घर खाना खाकर केवल अपनेपन का ढंग रखते हैं जबकि उनकी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए केवल वादे करते हैं उन्हें पूरा करने के लिए सरकार के समक्ष अपनी आवाज नहीं उठाते हैं उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार किसान विरोधी कर्मचारी विरोधी सरकार है। राज्य प्रधान नरेश शास्त्री ने कहा कि सरकार की कटनी और करनी में भारी अंतर है सरकार कर्मचारी यूनियन के नेताओं से कहती कुछ है और करती कुछ है। सरकार द्वारा लंबे समय से किया जा रहे हैं अपने वादों को पूरा नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते पूरे प्रदेश में हर सरकारी विभाग के कर्मचारी अपनी-अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं । अगर प्रदेश सरकार 14 अक्टूबर तक होने वाली रात तक की आक्रोश रैली से पहले मांगों को मानती है तो ठीक है वरना 15 अक्टूबर को ही हरियाणा के रोहतक जिले से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी । हाल ही में आशा वर्कर द्वारा पूरे प्रदेश में लगभग 50 दिन से हड़ताल कर धरना प्रदर्शन किया जा रहे हैं लेकिन प्रदेश की गूंगी बहरी सरकार कर्मचारी वर्कों की मांगों पर विचार करने को तैयार नहीं है उन्होंने कहा कि हाल ही में आशा वर्कों द्वारा जेल भरो आंदोलन भी किया गया जिसमें लगभग प्रदेश भर में 40 हजार से अधिक आशा वर्करों ने अपनी गिरफ्तारियां दी लेकिन सरकार के कानों पर कोई जू नहीं रही हैं। कर्मचारी संघ जिला नूहू के वरिष्ठ उप प्रधान मुकेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश भर के सभी कर्मचारियों द्वारा 15 अक्टूबर को एक आक्रोश रैली रोहतक में निकाली जायेगी। अगर प्रदेश सरकार द्वारा उसे रैली में भी कर्मचारियों के साथ हुए समझौते को लागू नहीं करती है तो वहीं से ही बड़े आंदोलन का ऐलान होगा।
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