महामंत्र णमोकार की महिमा अपरंपार:आचार्य सर्व कार्य सिद्धि कारक लोकोत्तर मंत्र है:- महामंत्र णमोकार पुष्पेंद्र शर्मा फिरोजपुर झिरका। णमोकार महामंत्र आदिकालीन मंत्र है, इस मंत्र के रचयि
ा कोई नहीं है यह मंत्र अनादि काल से चला आ रहा है, णमोकार मंत्र सर्व कल्याणकारी महामंत्र है ।ये मंत्र प्रत्येक जीव मात्र के आत्म कल्याण का मंत्र है। इसकी महिमा अपरंपार है।उक्त विचार वात्सल्य मूर्ति श्री 108 आचार्य ज्ञानभूषण जी मुनिराज रत्नाकर ने श्री दिगंबर जैन मंदिर फिरोजपुर झिरका के प्रांगण में णमोकार मंत्र की महिमा का संक्षिप्त वर्णन करते हुए कहा की णमोकार मंत्र में कुल 35 अक्षर, 58 मात्राएं, 34 स्वर, 30 व्यंजन और 05 पद है। णमोकार मंत्र के स्मरण करने से पूर्वोपार्जित कर्म नष्ट हो जाते हैं। जिससे अनेकांत शारीरिक व मानसिक बाधाएं व कष्ट दूर हो जाते हैं। आचार्य ने कहा की इस मंत्र के स्मरण करने से दिव्या आत्मस्वरूप के दर्शन होते हैं। णमोकार मंत्र सर्व कार्य सिद्धि कारक,लोकोत्तर मंत्र भी माना जाता है। इसका नित्य नियम से स्मरण करना चाहिए। इस मंत्र का स्मरण हर जगह ,हर समय कर सकते हैं अधिक से अधिक समय इस मंत्र का स्मरण करते रहना चाहिए। इस मंत्र को अनादिनिधन ,अपराजित मंत्र, महामंत्र,तरण तारण मंत्र, सर्व सिद्धि दायक मंत्र , आदिमंत्र, केवल ज्ञान मंत्र, मृत्युञ्जयी मंत्र, पञ्च नमस्कार ,मङ्गल मंत्र ,केवल ज्ञान मंत्र णमोकार महामंत्र के पर्यायवाची शब्द है। श्री ज्ञानभूषण जी ने कहा की णमोकार मंत्र के नित्य प्रतिदिन स्मरण करने से कर्मों का नाश (क्षय) होता है। शाश्वत परम सुख की प्राप्ति होती है। प्राणी मात्र को इसलिए हर पल हर संभव णमोकार मंत्र का स्मरण करना चाहिए ।अहिंसा के पथ पर चलकर प्राणी मात्र के प्रति मैत्री भाव रखना चाहिए। जियो और जीने दो के सिद्धांत को जीवन में धारण कर जीव मात्र की रक्षा करें। असहाय ,निर्धन व जरूरतमंद की सहायता करें। इस अवसर पर क्षुल्लिका श्री ज्ञानमती माता जी, क्षुल्लिका श्री 105 ज्ञानगंगा माता जी,क्षुल्लिका श्री 105 ज्ञानवर्षा माता जी,क्षुल्लक श्री 105 ऋजुराज महाराज, सर्वजातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष रजत जैन ,बाबा ज्ञानचंद जैनअगोनिया, सुनील जैन पूर्व मार्केट कमेटी चेयरमैन, पूनम जैन,समाजसेविका राधिका जैन, दिनेश जैन बर्तन वाले, सहित अन्य भक्त मौजूद रहे।
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