जिले की सडक़ों पर सरपट दौड़ रहे हैं भारी माल ढोने वाले वाहन। चिराग गोयल,फिरोजपुर झिरका : जिले की सडक़ों पर सरपट दौड़ रहे कमर्शियल वाहन नियमों को ताक पर रख लोगों की जान से खिलवाड कर रहे हैं। हालाक
प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती, किन्तु बावजूद इसके जिले में सैकडों वाहन अभी भी ऐसे चल रहे हैं जो नियम कायदे कानून को ताक पर रख सरकारी आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों ने इनपर कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि सडक़ सुरक्षा अभियान के तहत जिले में विशेष अभियान चलाकर कमर्शियल वाहनों की फिटनेस, सुरक्षा प्रणाली, सीट बेल्ट का उपयोग तथा एंटीफोगिंग लाइटों का इस्तेमाल तथा वाहनों का रखरखाव इत्यादि जरुरी संसाधनों की पड़ताल कर रही है। पड़ताल के दौरान देखा गया कि कई वाहनों के पास न तो फिटनेस सर्टिफिकेट है और न ही ये वाहन चालक अन्य नियमों की पालना करते दिखाई दिए। वाणिज्यिक गतिविधियों में शामिल अधिकांश वाहन नियमों का पालन नहीं करते। यदि प्रशासन इस संदर्भ में कार्रवाई करे तो निश्चित ही आधे से अधिक कमर्शियल वाहन अनफिट होने के साथ-साथ नियमों की अवहेलना भी करते मिलेंगे। डग्गामार वाहनों पर कौन करे कार्रवाई : समुचित जिले में इस समय डग्गामार वाहनों की भरमार है। ये वाहन बस स्टैंड के बाहर तथा मुख्य चौक चौराहों पर खड़े होकर पूरा दिन यातायात नियमों को ताक पर रख अंधाधुंध सवारियों को इधर से उधर ले जाने का काम कर रहे हैं। इन वाहनों की वजह से जहां परिवहन विभाग को काफी नुकसान हो रहा है, वहीं इनकी वजह से जिले में यातायात नियमों की भी सरेआम धज्जियां उड़ती दिखाई दे रही हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता मोहन गोयल, एडवोकेट अखतर हुसैन इत्यादि का कहना है कि सडक़ों पर दौड़ रहे डग्गामार वाहन नियमों को ताक पर रख लोगों की जान से खिलवाड कर रहे हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों से हमारी मांग है कि इनपर कार्रवाई की जाए। वहीं परिवहन डिपो के इंचार्ज महबूब खान ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के अलावा अन्य दस्तावेजों की जांच की जाती है। डग्गामार वाहनों के संबंध में लिखित में शिकायत दी जा चुकी है,जल्द ही कार्रवाई होगी। ओवरलोड भी बड़ी समस्या : जिले में ओवरलोड का रोग पुराना है। इसपर कार्रवाई कभी कभार ही होती है। कार्रवाई न होने से क्षेत्र के लोग प्रशासन के अधिकारियों की कार्यशेली पर सवालिया निशान खड़ा करते हैं। हालाकि प्रशासन के अधिकारी इस बाबत दावा करते हैं कि जिले में ओवरलोड की रफ्तार पर अंकुश लगाने में प्रशासन कामयाब रहा है। इस संबंध में कार्रवाई कर करोड़ों रुपये का राजस्व वसूला है। किन्तु लोगों का कहना है कि पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई केवल दिखावा है, असल में जिले में ओवरलोड का पहिया थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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