नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र के पालघर जिले में अप्रैल 2020 को तीन लोगों की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या करने की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब सुनवाई करेगा। कोर्ट ने सुनवाई
े लिए राजी होते हुए कहा कि वह 15 नवंबर इस मामले को सुनेगा। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही एजेंसी द्वारा जांच करने के लिए राजीनामा दिया था। याचिकाकर्ता बोले- अब याचिका में कुछ नहीं बचा मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को जनहित याचिकाकर्ता ने अवगत कराया कि अब याचिका में कुछ भी नहीं बचा है क्योंकि राज्य सरकार पहले ही मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित करने पर सहमत हो गई है। वकील ने जनहित याचिका को 15 नवंबर को बोर्ड के शीर्ष पर सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, जिसपर CJI ने कहा कि हम इसे 15 नवंबर को सुनेंगे। महाराष्ट्र सरकार जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार ने अपना रुख बदलते हुए उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह दो साधुओं सहित तीन लोगों की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या करने की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है। राज्य सरकार ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि महाराष्ट्र पुलिस ने कथित रूप से लिंचिंग की घटना में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए "अपराधी" पुलिसकर्मियों को दंडित किया है, हालांकि तब सीबीआई जांच की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने को कहा था। संतों के रिश्तेदारों ने पक्षतापूर्ण जांच का लगाया था आरोप बता दें कि इससे पहले 'श्री पंच दशाबन जूना अखाड़ा' के साधुओं और मृतक संतों के रिश्तेदारों सहित कई लोगों ने सीबीआई की जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डाली थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य पुलिस द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से जांच की जा रही है। अन्य याचिकाएं अधिवक्ता शशांक शेखर झा और घनश्याम उपाध्याय ने दायर की हैं। यह है पूरा मामला मुंबई के कांदिवली के तीन संतों को कोरोना के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार में जाते वक्त रोककर हमला कर दिया गया था। वहां के गडचिंचिल गांव में भीड़ द्वारा उन पर हमला किया गया और कथित तौर पर मार डाला।
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