खोजी/नीलम कौर कालका। कालका व आसपास के गावों में जगह-जगह घूमते लावारिस पशु व सांडों पर पहले नगर निगम तो अब नगर परिषद रोक लगाने में बिल्कुल नाकाम साबित हो रहा है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों
को घायल होकर भुगतना पड़ रहा है। यहां तक कि कई लोगों की मोतें भी हो चुकी हैं, पर प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी खामोश है। यह हाल कालका शहर की सभी कालोनियों में है, जहां पर सड़कों व गलियों में दर्जनों लावारिस पशु व सांड झुंड में इकट्ठे देखे जा सकते हैं। स्थानीय समाजसेवी व नगर परिषद के चेयरमैन प्रत्याशी घनश्याम टगरा का कहना है कि लावारिस पशु शहर व गावों की गलियों में कब्ज़ा करके बैठे व खड़े नजर आते हैं। अक्सर यह पशु आपस में लड़ते हुए गलियों में खड़े वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर देते हैं, इनसे दर्जनों वाहनों को नुकसान हो चुका है। हर गली में जगह-जगह पशुओं के झुंड बैठे रहते हैं, लोगों का गलियों से गुजरना मुश्किल हो रहा है। रोड किनारे दर्जनों लावारिस पशु कूड़े के ढेरों में मुंह मारते देखे जाते हैं। कई बार तो लावारिस पशुओं के आपस में लड़ने से गलियों में चलने वाले लोग इनकी चपेट में आने से घायल हो जाते हैं। कालोनियों में जगह-जगह व लोगों के घरों के सामने गोबर के ढेर लगे रहते हैं, जिससे गलियों के रास्ते भी प्रभावित हो रहे हैं। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी चिंता जाहिर करते हुए लावारिस पशुओं की समस्या पर हरियाणा सरकार के स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को जरूरत के मुताबिक तत्काल कार्यवाई के निर्देश दिए थे, बावजूद इसके समस्या ज्यों-की-त्यों ही बनी हुई है। घनश्याम ने निगम प्रशासन से गुहार लगाई है कि लोगों की परेशानियों को
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