वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में भागीदार बनें नागरिक चण्डीगढ, 5 नवंबर - हरियाणा सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनजीटी ग्रेडिड रिस्पोंस एक्शन प्लान (ग्रेप-4) की गाइडलाइन को प
र्ण रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं। यह सभी वन्य जीवों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। प्रशासनिक प्रयासों के साथ-साथ सभी प्रबुद्ध नागरिकों के सक्रिय सहयोग से वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रतिबंधों की अनुपालना करें अन्यथा कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से कई उपाय कर रही है। उन्होंने बताया कि भवन निर्माण व रिपेयर, माइनिंग, मिक्सर प्लांट, सडक़ निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रोजेक्ट आदि सभी कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा जो वायु को प्रदूषित करे। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग मेटेरियल को भी ढक कर रखना होगा। स्थानीय निकाय सफाई कर्मचारी सफाई कार्य के दौरान पानी का छिडक़ाव करने उपरांत ही झाड़ू का उपयोग कर सकते हैं। बीएस-6 से नीचे के डीजल वाहनों पर प्रतिबंध उन्होंने बताया कि सभी एलएमवी बीएस-6 से नीचे के डीजल वाहनों (केवल इमरजेंसी सेवाओं, मेडिकल व खाद्य सामग्री की ढुलाई करने वाले वाहनों को छोडक़र) के चलाने पर रोक लगा दी गई है। बिजली व पीएनजी पर चलेंगे उद्योग उन्होंने बताया कि बिजली व पीएनजी की आपूर्ति वाली औद्योगिक इकाईयों को बंद रखने को कहा गया है। एनजीटी द्वारा एनसीआर में अप्रुड फ्यूल की जारी सूची के अनुसार ही औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति होगी। दूध, डेयरी, जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण, यन्त्र और दवाइयां बनाने वाली औद्योगिक इकाइयों को प्रतिबंध की श्रेणी से बाहर रखा गया है । बच्चों व बुजुर्गों के लिए मेडिकल एडवाइजरी उन्होंने बताया कि एनजीटी द्वारा जारी मेडिकल एडवाइजरी अनुसार बच्चे, बुजुर्गों और ऐसे नागरिक, जिन्हें सांस लेने संबंधी, हृदय व अन्य क्रॉनिक बीमारी है उन्हें जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर जाना चाहिए।
Comments