राम वन गमन की लीला देख भावुक हुए दर्शक चिराग गोयल, फिरोजपुर झिरका।: रामलीला मंचन के पांचवे दिन श्री राम बनवास की लीला का मंचन किया गया। इस क्रम में राजा दशरथ अपनी सभा में अपने बड़े पुत्र श्री
ाम को अयोध्या नगरी का राजपाट सौंपने की बात कहते हैं। दरबार में उपस्थित सभी सभासदगण श्री रामचंद्र को अयोध्या का राजा बनाने के लिए सहमति जताते हैं। इसी क्रम में श्री रामचंद्र को दरबार में बुलाकर उन्हें अयोध्या का युवराज घोषित कर दिया जाता है। जब राजकीय दूत रामचंद्र के राज्य अभिषेक की घोषणा करते हैं तो रानी केकई की मुख्य दासी मंथरा के दिल को बहुत ठेस पहुंचती है कि भरत के होते हुए राम को राजपाट कैसे मिल सकता है इस बात की सूचना रानी केकई को देती है। रानी केकई प्रसन्न होकर एक हार बतौर इनाम दासी मंथरा को देती है। गुस्से में आकर मंथरा उस हार को दूर फेंक देती है। जब रानी केकई इस बात का कारण पूछती है तो दासी मंथरा श्री रामचंद्र के विरूद्ध केकई को भड़का देती है। ताकि अयोध्या का राजपाट राजकुमार भारत को ही मिल सके। मंथरा द्वारा बताई योजना अनुसार केकई कोप भवन में बाल बिखेर कर लेट जाती है।जब राजा दशरथ रानी को कोप भवन में लेटे देखते हैं तो इस बात की नाराजगी का कारण पूछते हैं। वहीं रानी केकई राजा दशरथ से दो वरदान मांगने के लिए कहती हैं। इसमें भरत को अयोध्या का राजपाट और रामचंद्र को 14 वर्ष का वनवास। इतना सुनते ही राजा दशरथ पछाड़ खाकर जमीन पर गिरते हैं और बिलख-बिलखकर रोने लगते हैं। रानी राजदूत द्वारा रामचंद्र को उनके पिता के कक्ष में बुलाती है। अपने पिता की हालत देख रामचंद्र व्याकुल हो उठते हैं। वहीं रानी केकई अपने दो वचनों में राजकुमार भरत को अयोध्या का राजपाट और रामचंद्र को 14 वर्षों के लिए बनवास का फरमान सुना देती है।श्री राम पिता की आज्ञा समझकर इसे स्वीकार कर लेते हैं। राम वन गमन का समाचार सुनकर उनके छोटे भाई लक्ष्मण और धर्मपत्नी सीता भी मन में जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। जैसे ही रामचंद्र जी अपनी माता कौशल्या से वन जाने के लिए विदा लेते हैं तो माता कौशल्या और सुमित्रा बिलख बिलख कर रोने लगती है। लेकिन राम अपने पिता को वचनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध थे और वे अपने छोटे भाई लक्ष्मण, पत्नी सीता को साथ लेकर वन गमन के लिए चल दिए । राम वनवास लीला वृतांत में केकई की भूमिका में राजू सोनी, मंथरा की भूमिका में रविंद्र सैनी ने बेहतरीन प्रदर्शन दिया।जिसे देखकर लोगों के आंखों में आसूं नहीं रूके।इस मौके पर राम हर्षित सोनी, लक्ष्मण उज्जवल गोयल, राजा दशरथ अशोक शर्मा, निषादराज रोकी, सुमित्रा भारत सोनी,कौशल्या नरेंद्र हंस, आर्य सुमंत टीकम सैनी काफी संख्या में कई कलाकार अभिनय करते नजर आए।
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