श्री राम ने किया शिव धनुष भंजन , माता सीता ने श्री राम के गले में पहनाई जयमाला। चिराग गोयल,फिरोजपुर झिरका।: दशहरे के उपलक्ष्य पर श्री रामलीला कमेटी के तत्वाधान में चल रही श्री रामलीला के मंचन क
ो लेकर सोमवार रात्रि को ताड़का वध, धनुष यज्ञ की लीला का वर्णन किया गया। इस संदर्भ में राजा दशरथ के चारों राम,लक्ष्मण,भरत,शत्रुघ्न की शिक्षा के लिए गुरु वशिष्ट के आश्रम में भेजते हैं। अपनी शिक्षा को पूरी कर चारों भाई पुनः अयोध्या आते हैं। लेकिन महाभट्ट राक्षसों की आतंक की वजह से परेशान महर्षि विश्वामित्र राजा दशरथ से राक्षसों का संघार करने के लिए राम और लक्ष्मण को अपने साथ वन में ले जाते हैं। जहां उन्हें रास्ते में राक्षसों की माता ताड़का का सामना करना पड़ता है। ताड़का के रोल में अंशुल गोयल ने बखूबी भूमिका निभाई राम ताड़का युद्ध देखकर लोग आश्चर्य चकित रह गए। भगवान राम ने एक ही बाण से राक्षसी ताड़का का वध कर दिया। वही मारीच- सुभाहु की भूमिका निभा रहे पवन गर्ग और रॉकी ने रामलीला रंगमंच पर जबरदस्त प्रदर्शन दिया। लेकिन जब मारीच और सुबाहु को अपनी माता ताड़का मृत्यु का अशुभ समाचार मिलता है तो वे श्री राम और लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए ललकारते हैं। लेकिन रघुकुल नंदन श्री राम और लक्ष्मण अपने दिव्य अस्त्रों से मारीच सुबाहु सहित पूरी राक्षस सेना का संहार कर देते हैं और महा भट्ट राक्षसों से ऋषि-मुनियों को छुटकारा दिलाते हैं। इसके उपरांत महर्षि विश्वामित्र को मिथिलापुरी के राजा जनक अपनी पुत्री सीता के स्वयंवर का निमंत्रण आता है। जहां महर्षि विश्वामित्र दोनों भाई राम और लक्ष्मण को जनकपुरी में ले जाते हैं। सीता स्वयंवर में उपस्थित सभी राजाएं शिव धनुष उठाने के लिए अपना अपना बल लगाते हैं लेकिन वो धनुष को हिला भी नहीं पाते। राजा जनक व्याकुल हो उठते हैं कि किसी भी राजा ने शिव धनुष का चिल्ला नहीं चढ़ाया है। कौन मेरी पुत्री सीता से विवाह करेगा। राजा जनक को व्याकुल देख महर्षि विश्वामित्र श्री राम को शिव धनुष का चिल्ला चढ़ाने के लिए इशारा करते हैं। गुरु के आदेश पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम एक ही झटके में शिव धनुष को उठा देते हैं और चिल्ला चढ़ाकर उसका भंजन कर देते हैं। वहीं राजकुमारी सीता भगवान श्री राम के गले में विजय माला डालकर अपने वर का चयन करती है।
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