-- अवैध हुक्का बार्स मामले में ड्रग्स विभाग द्वारा सूचना आयोग के सख्त आदेशों के बावजूद सूचना न देने पर दण्डनात्मक कार्यवाही की मांग। खोजी/सुभाष कोहली। कालका। जिला पंचकूला में अवैध रूप से चल
हे हुक्का बार्स का कारोबार थम नही रहा है, हाईकोर्ट द्वारा दीपांशु बंसल की जनहित याचिका पर बैन रखने के आदेशों व राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध होने के बावजूद सरेआम प्रशासन व प्रभावशाली लोगों की शह पर नशा कारोबारियों का अड्डा बन चुके हुक्का बार्स धड़ले से चल रहे हैं। इसी के संदर्भ में ड्रग्स कंट्रोलर विभाग द्वारा एनएसयूआई आरटीआई सेल के राष्ट्रीय कन्वीनर व शिवालिक विकास मंच के उपाध्यक्ष दीपांशु बंसल को राज्य जन सूचना आयोग के सख्त आदेशों के बावजूद सूचना उपलब्ध न करवाए जाने के मामले में अब दीपांशु बंसल ने मुख्य सूचना आयुक्त से आयोग के आदेशों के तहत मांग करते हुए ड्रग्स विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ दण्डनात्मक कार्यवाही करने की मांग है। इसके साथ ही दीपांशु ने कहा है कि बिना किसी विलम्ब के उन्हें सूचना भी उपलब्ध करवाई जाए। जानकारी देते हुए दीपांशु ने बताया कि आरटीआई एक्ट की धारा 20 के अंतर्गत दोषी अधिकारियों के खिलाफ 25 हजार तक का जुर्माना व अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। जबकि आयोग ने स्वयं 12 नवम्बर 2020 के आदेशों में यह स्पष्ट किया था कि यदि एक माह में सूचना न दी गई तो इस धारा के अनुसार दण्डनात्मक कार्यवाही की जाएगी। दीपांशु बंसल का कहना है कि सूचना आयोग के आदेशों समेत हाईकोर्ट व राज्य सरकार के आदेशों की सरेआम अवेहलना यह दर्शाता है कि नशा कारोबारियों व ड्रग्स विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को प्रभावशाली सत्तासीन लोगों का संरक्षण प्राप्त है। दीपांशु बंसल ने 24 अप्रेल 2019 को ड्रग्स विभाग से जिला पंचकूला में चल रहे हुक्का बार्स को विभाग द्वारा दिए गए अनापत्ति पत्रों, परमिशनों, परमिटिड व नान-परमिटिड फ्लेवर्ज समेत दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की है, जैसे अनेकों बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। नशा कारोबारियों का अड्डा बन अवैध रूप से चल रहे हुक्का बार्स को बन्द करवाने के लिए युवा नेता दीपांशु बंसल काफी समय से हर सम्भव प्रयास कर रहे है। इसको लेकर वह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से भी आवाज उठा चुके है। जहां राज्य सरकार ने पूर्ण रूप से विभिन्न कानूनों के अंतर्गत बैन होने का दावा किया है, जिसको लेकर कोर्ट ने बैन रहने के आदेश दिए हुए है। इसके साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, डीजीपी, ड्रग्स कंट्रोल विभाग समेत सूबे के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को भी अवगत करवा चुके है। वही, हाईकोर्ट के आदेशों के बाद स्थानीय प्रशासन में डीसीपी, ड्रग्स विभाग, डीसी आदि को अवैध रूप से चल रहे हुक्का बार्स की लिस्ट, फोटो समेत अवगत करवा चुके है। हालांकि दीपांशु बंसल का कहना है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन, ड्रग्स विभाग व प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के कारण नशा कारोबारियों को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। इस मामले को लेकर राज्य सरकार कोई ठोस कार्यवाही नही कर रही है, जिसके कारण युवाओं को माननीय हाईकोर्ट व सरकार के आदेशों के बावजूद यह धंधा धड़ले से चलाया जा रहा है। हाल ही में पुलिस द्वारा पकड़े गए एक ड्रग्स पैडलर द्वारा विभिन्न हुक्का बार्स में कोकेन समेत अन्य ड्रग्स को बेचने व कारोबार बढ़ाने से यह साबित हो गया है कि विभिन्न हुक्का बार्स में नशों का कारोबार सरेआम चलता है।
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