नई दिल्ली, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि भले ही इस वक्त कोविड-19 के मामले कम होते दिख रहे हैं, लेकिन आने वाले ठंडे मौसम में यह मामले बढ़ सकते हैं। यहां तक कि उनका कहना है कि इस दौरान अस्
पतालों में मरीज़ों की संख्या बढ़ सकती है और मौतों का आंकड़ा भी। WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने बुधवार को जिनेवा में पत्रकारों से कहा कि विश्व स्तर पर कोविड-19 के मामले कम होते दिख रहे हैं, लेकिन जैसे-जैसे ठंडा का मौसम आ रहा है, ऐसी उम्मीद ज़्यादा है कि उन महीनों में अस्पताल में भर्ती और मौतों का आकड़ा बढ़ सकता है। WHO के लेटेस्ट कोविड -19 साप्ताहिक महामारी अपडेट के अनुसार, अगस्त की शुरुआत की तुलना में 15 से 21 अगस्त के सप्ताह के दौरान नए साप्ताहिक मामलों की संख्या 9 प्रतिशत घटकर लगभग 5.3 मिलियन रह गई। वहीं, इसी बीच मौतों की संख्या में भी 15 प्रतिशत की कमी आई है, जिसमें 14,000 से अधिक मौतें हुई हैं। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि ओमीक्रॉन के मौजूदा सब-वेरिएंट अपने ओरिजनल वेरिएंट की तुलना में अधिक ट्रांसमिसिबल हैं, और इससे भी अधिक ट्रांसमिसिबल और अधिक खतरनाक वेरिएंट के उभरने का जोखिम बना हुआ है। हाई-इंकम देशों में भी 30 फीसदी हेल्थ वर्कर्स और 20 फीसदी उम्रदराज़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है। वैक्सीन के इस गैप की वजह से सभी पर ख़तरा बना हुआ है। इसलिए वैक्सीन या फिर बूस्टर शॉट्स ज़रूर लगवाएं अगर आपने अभी तक नहीं लगाई है। इसके अलावा घर से बाहर निकलने पर मास्क भी ज़रूर पहनें। टेड्रोस ने कहा, " कोविड-19 के साथ जीने का मतलब यह नहीं कि हम यह मान लें कि महामारी ख़त्म हो चुकी है। इसी तरह यह मान लेना कि जानलेवा वायरस हमारे आसपास नहीं है, एक बड़ा जोखिम साबित हो सकता है। कोरोना वायरस के साथ जीने का मतलब है कि आम सावधानियां बरती जाएं, ताकि हम संक्रमित होने से बचें और अगर संक्रमित हो भी जाएं, तो बीमारी गंभीर न हो।"
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