सिद्धदाता आश्रम में नववर्ष एवं गुरुदेव का जन्मोत्सव मना गया। सोनू वर्मा फरीदाबाद। श्री सिद्धदाता आश्रम में नववर्ष का जोरदार स्वागत किया गया। भजन संगीत के बीचख्अधिष्ठाता जगदगुरु स्वामी प
ुरूषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि सभी जन इस नववर्ष का निर्मल मन के साथ स्वागत करें। आज स्वामीजी का जन्मदिन होने से भी भक्तों में अधिक जोश था। अपने प्रवचन में स्वामीजी ने कहा कि समझदार लोगों का आदर्श वाक्य कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। लेकिन अधिकतर यह नहीं जानते कि मन चंगा कैसे होगा। यह मन विधियों से चंगा नहीं होगा बल्कि प्रभु प्रेम से चंगा होता है। भगवान कहते हैं कि निर्मल मन सो मोही पावा। जिसका मन निर्मल होता है, उसको मैं मिलता हूं। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि जिसका मन निर्मल है, वही भगवान को पा सकता है और यह मन निर्मल भगवान का नाम लेने से, प्रभु भजन से, प्रभु की सेवा से होता है। उन्होंने अनेक उदाहरणों एवं भजनों के माध्यम से भक्तों को नववर्ष, अध्यात्म और समाज के बारे में सीख दी। इससे पहले उन्होंने मंदिर में भगवान श्रीमन्नारायण का पूजन किया और समाधि पर वैकुंठवासी गुरुदेव से भी जनहित के लिए प्रार्थना की। कार्यक्रम में अनेक विशिष्ट व्यक्तियों ने शिरकत की। इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, भजन आदि के माध्यम से गुरुदेव के जन्मोत्सव की बधाइयां दी गईं। वहीं कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों द्वारा किया गया। जिसके जरिए देश विदेश के भक्त भी कार्यक्रम से जुड़ सके। आश्रम पहुंचे सभी भक्तों के लिए भोजन प्रसाद का प्रबन्ध किया गया। वहीं कोविड नियमों का भी कड़ाई से पालन किया गया। व सोशल डिस्टनश का विशेष ध्यान रखा गया।
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