खोजी/नीलम कौर कालका। झारखंड में 17 वर्षीय स्कूली छात्रा अंकिता की कालोनी के ही युवक शाहरुख हुसैन ने उसके घर में सोते समय खिड़की से पेट्रोल डालकर उसे आग में झोंक देना बेहद निंदनीय है, जिसकी इलाज
े दौरान मौत हो गई। इस दर्दनाक मौत से देशभर में लोगों में जबरदस्त रोष व्याप्त है। यह कहना है स्थानीय समाजसेवी एवमं नगर परिषद कालका चेयरमैन प्रत्याशी घनश्याम टगरा का। घनश्याम का कहना है कि अंकिता के पिता संजीव सिंह के अनुसार शाहरुख उसकी बेटी अंकिता को पिछले 2 साल से परेशान कर रहा था। वह मोहल्ले की अन्य लड़कियों को भी अक्सर परेशान किया करता था। अंकिता ने मौत से पहले दिये बयान में बताया था कि स्कूल जाते समय वह उसका पीछा करता रहता था। शाहरुख उसे धमकी भी दिया करता था कि अगर वह उसकी बात नहीं मानेगी तो वह उसे मौत के घाट उतार देगा। घनश्याम का कहना है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा तो देते हैं, पर धरातल पर इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है। इससे पहले भी कई महिलाओं, बेटियों व बच्चीयों की हत्याओं, बलात्कार, सामुहिक दुष्कर्म आदि की घटनाओं की खबरें देखने को मिली हैं। केंद्र व राज्य सरकारें ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगाने में असमर्थ साबित हो रही हैं। घनश्याम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील है कि आमजन की आवाज को ध्यान में रखते हुए ऐसी क्रूरता करने वाले दोषियों को फांसी की सजा दिलवाई जाए।
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