नई दिल्ली, डायबिटीज़ पर हाल ही में हुई एक स्टडी के मुताबिक, डाइट में कुछ बदलाव करने से वे लोग बिल्कुल रिकवर हो सकते हैं, जिनको हाल ही में डायबिटीज़ हुई है या फिर जो प्री-डायबिटिक्स हैं। यह रिसर्
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR-INDIAB ने की है। हमारे परिणाम नई डाइट गाइडलाइन्स की ज़रूरत को रेखांकित करते हैं, जो मैक्रोन्यूट्रिएंट संरचना में उचित बदलाव की सलाह देता है, ताकि दक्षिण एशिया में डायबिटीज़ के कारण बढ़ रहे बोझ को कम किया जा सके। यह स्टडी हाल ही में डायबिटीज़ केयर जर्नल में प्रकाशित हुई थी। डियबिटीज़ में सुधार करने के बारे में स्टडी क्या कहती है? जो लोग हाल ही में डायबिटीज़ के शिकार हुए हैं, उनके लिए रिसर्च की सलाह है कि वे डाइट में कार्ब्स को 55 फीसदी कम कर दें, प्रोटीन का सेवन 20 फीसदी और फैट 25 प्रतिशत बढ़ा दें। आमतौर पर हमारी डाइट में कार्ब्स 70 प्रतिशत से ज़्यादा होते हैं, इसलिए स्टडी से पता चलता है कि प्लांट और एनिमल प्रोटीन को बढ़ाना होगा और कार्ब्स को काफी कम होना होगा। इसी तरह प्री-डायबिटीज़ के लिए सलाह है कार्ब्स को 56 प्रतिशत रखें, प्रोटीन 20% और फैट्स 27 प्रतिशत। इस स्टडी में कुल 18,090 वयस्कों को शामिल किया गया था। गेंहूं भी करता है नुकसान डायबिटीज़ के प्रबंधन के लिए सफेद चावल की खपत को कम करने पर ज़ोर देन पर, अध्ययन के लेखकों में से एक डॉ. वी मोहन ने मीडिया को बताया कि गेहूं भी उतना ही खराब होता है। अगर आप लंच में दो कप चावल या 4 रोटियां खाते हैं, तो आप इसकी जगह अच्छे प्रोटीन के साथ एक रोटी या 1-1/2 कप चावल खा सकते हैं। एक्सपर्ट्स रेड मीट के सेवन को भी कम करने की सलाह देते हैं। प्लांट प्रोटीन अच्छा होता है, मछली और चिकन भी अच्छा विकल्प हैं लेकिन रेट मीट से दूर रहना ही अच्छा है। भारत में डायबिटीज़ देश में इस वक्त 7.4 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें डायबिटीज़ है और 8 करोड़ लोग ऐसे हैं जो प्री-डायबिटीक स्टेज पर हैं। भारत में डायबिटीज़ के आंकड़ें 2009 में 7.1% से 2019 में 8.9% पर पहुंच गए हैं। प्री-डायबिटीज़ स्टेज पर अगर सावधानी न बरती जाए, तो येह बड़ी तेज़ी से डायबिटीज़ में बदलती है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2045 तक भारत में डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों की आबादी 13.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी। डायबिटीज़ के पीछे वजहें क्या हैं? मोटापा फिज़िकल एक्टिविटी का कम होना खराब लाइफस्टाइल अनहेल्दी डाइट खराब आदतें जेनेटिक्स नींद कम आना तनाव प्रदूषकों के संपर्क में आना ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल न रखना ब्लड कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल न रखना
Comments