नई दिल्ली, देसी घी का इस्तेमाल भारतीय घरों में खूब होता है। रोटी पर लगाना हो या पराठों या फिर दाल में डालकर खाना हो। देसी घी एक ऐसी चीज़ है, जो शायद ही किसी को पसंद न हो। देसी घी गाय या फिर भैंस के
ूध से तैयार किया जाता है। गाय के दूध का घी पीला होता है, तो भैंस के दूध से तैयार किए गए घी का रंग सफेद होता है। घी कई तरह के हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और कैल्शियम से भरा होता है। अगर इसे सही मात्रा में खाया जाए, तो यह आपकी सेहत को कई फायदे पहुंचा सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ लोगों को सेहतमंद रहने के लिए इससे दूरी बना लेनी चाहिए। क्या देसी घी कोई भी खा सकता है? इसमें कोई शक़ नहीं कि देसी घी काफी हेल्दी होता है। हालांकि, यह कैलोरी और सैचुरेटेड फैट्स से भी भरपूर होता है, जो कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। मोटापा पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) हाई कोलेस्ट्रॉल अगर आप इन तीन में से किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए घी से दूरी बनाना है फायदेमंद होगा। अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के अनुसार, एक स्वस्थ इंसान को दिन भर में 2000 कैलोरी लेनी चाहिए, जिसमें 56078 ग्राम से ज़्यादा फैट्स नहीं होने चाहिए, जिसमें से 16 ग्राम से ज़्यादा सैचुरेटेड फैट्स नहीं होने चाहिए। मनुष्य का शरीर फैट्स खुद बना सकता है और देसी घी खाने से फैट्स की मात्रा बढ़ जाती है। खासतौर पर अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो देसी घी का सेवन स्थिति को बिगाड़ सकता है। देसी घी का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से कैसे करें? एक्सपर्ट्स के मुताबिक, देसी घी का इस्तेमाल करते वक्त कुछ बातों का ख्यास रखना चाहिए: - अगर आप किडनी या दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो देसी घी खाने से बचें। - अगर आपको अक्सर पेट से जुड़ी तकलीफ रहती है, तो गाय का घी न खाएं। - देसी घी खाने से बचें अगर आप हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन के शिकार हैं। - अगर आपकी उम्र 30 के ऊपर है, तो देसी घी के सेवन से पहले डाइट एक्सपर्ट्स से सलाह ज़रूर लें।
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