हथीन/माथुर : सिविल सर्जन डॉ लोकवीर ने बताया कि बारिश के दौरान मच्छरों के बढऩे से मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन पलवल जिले में डेंगू व मलेरिया की स्थिति काबू में
है। सिविल सर्जन ने बताया कि 2018 में 362 केस, 2019 में 186, 2020 में 37, 2021 में 3 व 2022 में डेंगू व मलेरिया के अभी तक एक भी केस नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान तापमान में बार-बार बदलाव की वजह से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सावधानी रखना जरूरी है। बुखार को अक्सर लोग वायरल फीवर समझ लेते हैं और कभी-कभी डेंगू या मलेरिया के मरीज की कंडिशन बिगड़ जाती है। यहां कुछ लक्षण हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं। *बारिश के मौसम में ऐसे रखें सावधानी* डॉ लोकवीर ने बताया कि बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा ठहरे हुए पानी में मच्छर पैदा होने का खतरा रहता है। डेंगू और चिकनगुनिया का मच्छर साफ पानी में और मलेरिया का गंदे पानी में पैदा होता है, हर जगह पानी को पूरी तरह ढककर रखें। कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल या मच्छर भगाने वाले स्प्रे डालें। *मच्छरों से करें बचाव* सिविल सर्जन ने बताया कि ऐसे कपड़ें पहनें जिनसे पूरा शरीर ढंका रहे। खासकर बच्चों को स्कर्ट और हाफपैंट वगैरह न पहनाएं। मच्छरों से बचने के प्रॉपर उपाय करें, कॉइल और मस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी सबसे अच्छा तरीका है इससे हार्मफुल केमिकल्स का खतरा भी नहीं रहता। अगर दो दिन तक बुखार ठीक न हो तो मरीज को डॉक्टर के पास ले जाएं, अगर 102 डिग्री से ज्यादा बुखार, आंखों में तेज दर्द, पेट में तेज दर्द, चक्कर आना, बार-बार उलटी आना, नाक, मसूढ़ों, कान या शौच में खून आना, बेहद कमजोरी महसूस करना या बेहोशी आना, तो भी तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
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