नई दिल्ली, हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। फोटोग्राफी एक तरह की कला है। फोटोग्राफी के जरिए बिना बोले व्यक्ति से लेकर जीव-जंतुओं तक की भावनाओं को व्यक्त किया जा सकता है। त
ो आइए जानते हैं कैसे हुई थी इस दिन की शुरुआत, इस साल की थीम और साथ ही अन्य जरूरी बातें। फोटोग्राफी डे का इतिहास विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत 9 जनवरी, 1839 को फ्रांस में हुई थी। उस समय एक फोटोग्राफी प्रक्रिया की घोषणा की गई थी, जिसे डॉगोरोटाइप प्रक्रिया कहा जाता है और इसी प्रक्रिया को दुनिया की पहली फोटोग्राफी की प्रक्रिया माना जाता है। फ्रांस के जोसेफ नाइसफोर और लुइस डॉगेर ने इसका आविष्कार किया था। इसके बाद 19 अगस्त, 1839 को फ्रांस की सरकार ने इस आविष्कार की घोषणा की और उसका पेटेंट हासिल कर लिया। तब से ही हर साल 19 अगस्त का दिन 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' यानी 'विश्व फोटोग्राफी दिवस' के तौर पर मनाया जाने लगा। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे 2022 थीम विश्व फोटोग्राफी दिवस 2022 का थीम/विषय "लेंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन (Pandemic Lockdown through the lens)" है। इस थीम का मतलब है हम कैमरे (लेंस) के जरिए महामारी के चलते हुए लॉकडाउन को कैसे देखते हैं। कोरोना वायरस के चलते भारत में ही नहीं दुनियाभर में लॉकडाउन लगाया गया था और इस समय लोगों ने कुकिंग, डांस, म्यूजिक के साथ फोटोग्राफी करना भी सीखा। क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली 'सेल्फी' कब ली गई थी और ये किसने ली थी? अगर नहीं तो यहां है इसका जवाब। आज से लगभग 182 साल पहले मतलब साल 1839 में अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने पहली 'सेल्फी' ली थी। तब तक कोई जानता भी नहीं था कि सेल्फी होती क्या है। रॉबर्ट कॉर्नेलियस द्वारा खीची गई पहली सेल्फी आज भी यूनाइटेड स्टेट लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस प्रिंट में सहेज कर रखी गई है।
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