खोजी/सुभाष कोहली कालका। उप मण्डल अस्पताल कालका के वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी रूपिंदर सैनी के निर्देशानुसार स्वास्थ्य निरीक्षक सन्दीप कुमार के नेतृत्व में उप मण्डल अस्पताल कालका के सुपरवाइ
र सुभम गिल, अभिमन्यु, तथा डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर चंदा यादव, रितेश कुमार, जगमेश और संदीप कुमार, नीतू, मोनू आदि द्वारा परेड मौहल्ला कालका में घर- घर जाकर सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी की गई। स्वास्थ्य निरीक्षक सन्दीप कुमार ने बताया कि कई जगह पर लार्वा के मिलने पर लार्वा के कन्टेनर को खाली किया गया। कई जगह लार्वा कन्टेनर पानी की टैंकी को मशक्त के साथ समझाने पर ख़ाली करवाया गया। इन दिनों डेंगू, मलेरिया का मच्छर ज्यादा एक्टिव होता है, लेकिन आपकी सर्तकता आपको इन बीमारियों से बचा सकती है। चूंकि हिमाचल सीमावर्ती औधौगिक क्षेत्र होने के कारण खेड़ा सीता राम, टीबी मोहला, परेड मौहल्ला, अप्पर मौहला, बाल्मिकी बस्ती और भैरों की शेर सेंसेटिव जोन में घर-घर जाकर सोर्स डिडक्शन एक्टिविटी की जा रही है। बुखार ग्रस्त लोगों की रक्त पटिकाएं बनाई जा रही है। जो लोग घरों में लार्वा मिलने पर पानी के कंटेनर को खाली करने में आना कानी करते हैं उनको नोटिस दिए जा रहें हैं। सभी टीमों ने अलग-अलग जगह पर लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि डेंगू के लार्वा को पैदा होने से रोकने के उपाय ही डेंगू, मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों की अचूक दवा है। क्षेत्र में बारिशों के दिनों डेंगू के लार्वा को बढ़ावा मिलता है क्योंकि इन दिनों में पानी का खड़ा होना लाजमी है। लेकिन अगर जनता जागरुक होगी तो अपने आस पास घरों में पड़े कूलर, टैंकी, गमले, फ्रीज के पीछे लगी पानी की ट्रे, छ्तों पर पड़े टायर, टूटे डिब्बे, खाली गमले आदि हर रोज चैक कर उनमें पानी को इक्कठा ही नहीं होने देंगे तो डेंगू का लार्वा बनेगा ही नही। लार्वा नही तो मच्छर भी नहीं होगा। मच्छर खत्म तो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी भयानक बीमारी से पूरी तरह बचा जा सकता है। अभी तक उप मण्डल अस्पताल कालका के क्षेत्र में केवल 21 केस डेंगू के मिले हैं, 18 बिल्कुल ठीक है व 3 केसों की सथिति में भी सुधार है। किसी भी केस में जनहानि नही हुई। उप मण्डल अस्पताल कालका की टीम डेंगू पर नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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