नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate in National Herald Case) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को अखबार नेशनल हेराल्ड की होल्डिंग कंपनी यंग इंडियन (Young Indian, YI) के कार्यालय पर तलाशी अभियान चलाया है। बताया
जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी मामले से जुड़े सबूतों की छानबीन कर रही है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे यहां हेराल्ड हाउस भवन में मौजूद हैं। उनकी मौजूदगी में यह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यह छापेमारी ऐसे वक्त में शुरू की गई है जब कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित कार्रवाई बताते हुए सड़क से संसद तक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। राज्यसभा में विपक्ष के 80 वर्षीय नेता (Mallikarjun Kharge) दोपहर करीब 12:40 बजे आईटीओ के पास बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित नेशनल हेराल्ड भवन में पहुंचे और एजेंसी के सम्मन पर ईडी के अधिकारियों से मुलाकात की। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने यंग इंडियन कार्यालय में तलाशी अभियान चलाने के दौरान उनके कंपनी के प्रमुख अधिकारी होने के नाते मौके पर मौजूद रहने की मांग की थी। ईडी ने एक दिन पहले बुधवार को यंग इंडियन के कार्यालय को अस्थाई तौर पर सील कर दिया था। मालूम हो कि एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) का मालिकाना हक यंग इंडिया के पास ही है। मालिकाना हक के ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया की ईडी जांच कर रही है और मंगलवार को नेशनल हेराल्ड समेत यंग इंडिया के दफ्तर की भी तलाशी ली थी। तलाशी के अगले ही दिन यंग इंडिया के दफ्तर को सील करने की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह जांच की तकनीकी प्रक्रिया के तहत किया गया था। अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को तलाशी के दौरान यंग इंडिया के दफ्तर में एक भी जिम्मेदार कर्मचारी या अधिकारी मौजूद नहीं था। पर्याप्त समय दिये जाने के बाद भी उनमें से कोई नहीं पहुंचा। जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी की अनुपस्थिति में यंग इंडिया के दफ्तर में तलाशी की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी थी। इसी कारण बुधवार को यंग इंडिया का दफ्तर सील करने का फैसला किया गया। केंद्रीय एजेंसी की ओर से कहा गया था कि यंग इंडिया का दफ्तर कंपनी के किसी जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति में खोला जाएगा और फिर तलाशी की कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। दरअसल नेशनल हेराल्ड घोटाले के केंद्र में यंग इंडिया ही है। 2010 में पांच लाख रुपये की पूंजी से गैरलाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत हुई यंग इंडिया एक साल के भीतर ही हजारों करोड़ संपत्ति वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) की पूरी तरह से मालिक बन गई। एजेएल के 100 फीसद शेयर का यंग इंडिया में ट्रांसफर कांग्रेस पार्टी की ओर दिए गए 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए किया गया था। वैसे यंग इंडिया में एजेएल के शेयर ट्रांसफर होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने सारा लोन माफ भी कर दिया। यंग इंडिया में 76 फीसद हिस्सेदारी सोनिया गांधी और राहुल गांधी की है। उनसे ईडी लंबी पूछताछ कर चुकी है। इसके साथ ही ईडी कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी पूछताछ कर चुकी है। मंगलवार को सुबूतों की तलाश में ईडी ने नेशनल हेराल्ड के साथ ही यंग इंडिया और उसे एक करोड़ की राशि ट्रांसफर करने वाली कोलकाता स्थित कंपनी के ठिकानों की भी तलाशी ली थी। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) द्वारा यंग इंडियन के दफ्तर को सील करने से गुस्साई कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष को कुचल देना चाहती है। कांग्रेस का कहना है कि वह केंद्र सरकार की कार्रवाई से डरने वाली नहीं है। वह ज्वलंत मुद्दों पर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रहेगी।
Comments