नई दिल्ली, दुनियाभर में मौतों का सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक ही है। हर साल करीब दो करोड़ लोग दिल के दौरे का शिकार बन अपनी जान गंवा देते हैं। इसके पीछे शुरुआती संकेतों को इग्नोर करना भी शामिल है। स
ंकतों को पाचन या सीने में जलन समझकर गलत इलाज करना आम है। ऐसे में दिल के दौरा के कुछ वॉर्निंग साइन हैं, जिन्हें महसूस करने पर फौरन मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए। दिल के दौरे के इन संकेतों पर नज़र ज़रूर रखें अमेरिका के CDC के अनुसार, आमतौर पर दिल का दौरा पड़ते वक्त सीने के केंद्र या बाईं ओर बेचैनी या दर्द, जो कुछ मिनटों से अधिक समय तक रहता है या दूर होकर वापस आ जाता है। इस बेचैनी के दौरान सीने पर दबाव, दबोचने जैसे, भरा हुआ या दर्द महसूस होता है। आप इस दौरान कमज़ोर, चक्कर आना या बेहोश हो सकते हैं। आपको लगातार पसीने भी आ सकते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) की सलाह के अनुसार, दिल के दौरे के लक्षण पुरुष और महिलाओं दोनों में अलग तरह के हो सकते हैं। पुरुषों की तरह महिलाओं में भी दिल के दौरे का सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द या बेचैनी। लेकिन महिलाओं में कुछ लक्षण पुरुषों से अलग दिखते हैं, खासतौर पर सांस फूलना, मतली/उल्टी और पीठ या जबड़े में दर्द। कान में दिखने वाले इस संकेत को न करें इग्नोर इस स्थिति को सैंडर्स टी.फ्रेंक के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने पहली बार सीने में दर्द और कोरोनरी आर्टरी ब्लॉकेज वाले मरीजों के कान में क्रीज़ देखी थी। हालांकि, इसे साबित करने के लिए मज़बूत सबूत उपलब्ध नहीं हैं। फ्रेंक्स साइन का मतलब कुछ और भी हो सकता है फ्रेंक्स साइन के पीछे कई तरह की थ्योरी हैं। रिपोर्ट्स से पता चलता है कि फ्रैंक्स साइन, मस्तिष्क रोधगलन का पूर्वसूचक हो सकता है। यह समय से पहले बूढ़ापे, त्वचीय और संवहनी तंतुओं के नुकसान से भी जुड़ा हो सकता है। दिल के दौरे के कई जोखिम कारक हैं मेयो क्लीनिक के अनुसार, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों और 55 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं को युवा पुरुषों और महिलाओं की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का अधिक ख़तरा होता है। इसके अलावा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, डायबिटीज़ और चयापचय सिंड्रोम जैसी पहले से मौजूद स्थितियों वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा अधिक होता है। साथ ही लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ आदतें, जैसे तंबाकू का इस्तेमाल, शराब का सेवन, शारीरिक एक्टिविटी न होना, तनाव, खराब डाइट भी दिल के दौरे के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं। दिल के दौरे के जोखिम को कैसे कम किया जाए दिल से जुड़ी बीमारियों से बचे रहने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप एक स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं। हल्का और हेल्दी खाना खाएं, रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें, तनाव से दूर रहने की कोशिश करें और दूसरी क्रोनिक बीमारियों से बचें, जो दिल को कमज़ोर बनाती हैं।
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