हथीन/माथुर : कौशल रोजगार निगम भंग कर ठेका कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण व ठेका प्रथा समाप्त करने आदि मांगों को लेकर बिजली कर्मचारी 13 अगस्त को बिजली मंत्री के सिरसा कैंप क
र्यालय पर आक्रोश प्रदर्शन करेंगे। इस निजीकरण के बिल का डटकर विरोध करने का आग्रह किया। आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के डिप्टी जरनल सेकेट्री जितेंद्र तेवतिया ने मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा कि जो चेची जेई का निलंबन किया गया है वो निराधार है और जो रिश्वत के आरोप लगाए वो बिल्कुल गलत लगाए गए हैं। इसलिए यूनियन मांग करती है कि जेई को तुरंत बहाल किया जाए। जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। कर्मचारी 13 अगस्त को बिजली मंत्री के सिरसा कैंप कार्यालय पर होने वाले आक्रोश प्रदर्शन में जिले से सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी भाग लेंगे। यह निर्णय यह निर्णय आज मंगलवार को यूनियन कार्यालय में आयोजित आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन की सर्कल मीटिंग में लिया गया। सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान व सर्कल सचिव राजेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में सर्कल के अधीनस्थ सभी सब डिवीजनों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। राज कुमार डागर द्वारा संचालित इस मीटिंग में एएचपीसी वर्कर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शब्बीर अहमद गनी, उप महासचिव जितेंद्र तेवतिया, राज्य सचिव समून खा सकसं पलवल सचिव योगेश शर्मा आदि मौजूद थे। मीटिंग में एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाने और ठेका कर्मियों को भी इसमें शामिल करने, सभी कच्चे व पक्के कर्मियों को पांच हजार रुपए जोखिम भत्ता देने, बिना प्रयाप्त स्टाफ के राईट टू सर्विस एक्ट लागू करने पर रोक लगाने, खाली पड़े पदों को भरने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया गया। मीटिंग को संबोधित करते हुए ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर यूनियन हरियाणा के राज्य वरिष्ठ उप प्रधान सब्बीर अहमद गनी, उप महासचिव जितेन्द्र तेवतिया ने कहा कि आगामी मानसून सत्र में केन्द्र सरकार बिजली संशोधन बिल 2022 पेश करने जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर यह बिल संसद द्वारा पारित किया गया तो बिजली वितरण कंपनियों के समानांतर प्राईवेट कंपनियों को बिजली वितरण के लाइसेंस दिए जाएंगे। सरकारी बिजली वितरण निगम संसाधनों के अभाव में प्राइवेट कंपनियों का मुकाबला नही कर पाएंगी और इनका हाल बीएसएनएल जैसा होगा। सब्सिडी व क्रास सब्सिडी खत्म हो जाएगी, जिसके कारण बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी होगी और बिजली किसानों व गरीबों की पहुंच से बाहर हो जाएगी। उन्होंने विपक्षी दलों के सासंदों से आगामी मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले इस निजीकरण के बिल का डटकर विरोध करने का आग्रह किया। आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के डिप्टी जरनल सेकेट्री जितेंद्र तेवतिया ने कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन कच्चे कर्मियों को पक्का करने, समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने के सभी रास्ते बंद करने के लिए किया गया है। जिसको बिजली कर्मचारी एवं सकसं किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने ऐलान किया कि कौशल रोजगार निगम भंग करने, कच्चे कर्मियों को पक्का करने, ठेका कर्मियों को समान काम समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान करने पुरानी पेंशन बहाली, निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर प्रदेश के बिजली कर्मचारी 13 अगस्त को बिजली मंत्री के सिरसा कैंप कार्यालय का घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना के नाम पर निजीकरण की मुहिम को तेजी से लागू किया जा रहा है। आनलाइन ट्रांसफर के नाम पर कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे हैं। स्टाफ की भारी कमी के बावजूद राइट टू सर्विस एक्ट लागू किया जा रहा है। जिसको लेकर बिजली कर्मचारियों में सरकार व बिजली निगम मैनेजमेंट के खिलाफ भारी आक्रोश है। मीटिंग को एएचपीसी वर्कर यूनियन के यूनिट कमेटी के नेता नरेन्द्र सौरोत, वीरपाल, मेवा राम, शेरसिंह, योगेश शर्मा, वेदपाल तेवतिया, सतीश जे ई, जसबीर सिंह जे ई, जितेंद्र जे ई, राकेश कुमार जे ई, रोहतास जे ई आदि उपस्थित रहे।
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