हथीन/माथुर : प्रेस वार्ता के दौरान विजय पाल सिंह डीएसपी एवं पर्यवेक्षण अधिकारी साइबर क्राइम थाना ने जानकारी देते हुए बताया कि एक युवक ने जिला पुलिस के वेब पेज से पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल क
फोटो को उठा कर उसको फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल पर पेस्ट कर दिया था तथा इस फर्जी प्रोफाइल से एसपी पलवल बनकर मैसेज किए। जिस संबंध में साइबर सेल प्रभारी विनोद कुमार की शिकायत पर मुकदमा संख्या 03 तिथी 29-07-2022 धारा 419/420/171/120बी/201 भा.दं.सं. व धारा 66सी, 66डी, आई टी एक्ट थाना साईबर क्राईम पलवल पंजीबद्ध किया गया। आगे जानकारी देते हुए डीएसपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राजेश दुग्गल पलवल पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रभावी दिशा निर्देश दिए जिन के अनुरूप एवं साइबर तकनीकी मदद से 1 अगस्त को साइबर थाना क्राइम प्रभारी निरीक्षक सत्य नारायण की टीम ने वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी को होडल बाबरी मोड़ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। आरोपी की पहचान प्रवीण उर्फ पिंकु पुत्र भजनलाल निवासी गांव जनकपुर तहसील मांट थाना मांट जिला मथुरा यू पी के रूप में हुई। पैसे से राज मिस्त्री आरोपी ने अपने ओपो के फोन मे यू टयूब के माध्यम से विडिये देखकर फर्जी वैटसएप प्रोफाईल बनाने बारे जानकारी हासिल की ओर फर्जी VPN के बारे मे जानकारी हासिल की। आरोपी के मोबाईल फोन मे VPN की एप मोजूद हैं। आरोपी ने जिला पलवल पुलिस के वैब पेज से पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल की फोटो को उठाकर उसको फर्जी वैटसएप प्रोफोईल पर पेस्ट कर दिया। इस फर्जी प्रोफाईल से पुलिस अधीक्षक पलवल बनकर मैसेज किये। आरोपी से बरामद मोबाईल फोन ओप्पो मे वैटसएप क्रियेशन के मैसेज पाये गये व VPN की एप पाई गई है, जिनका प्रयोग आरोपी अपनी पहचान छुपाने के लिये कर रहा था । आरोपी के पूर्व आपराधिक रिकार्ड मुताबिक आरोपी प्रवीण के खिलाफ थाना चन्दपा जिला हाथरस में अपने ताऊ ससुर के लड़के के संबंध में आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसमे आरोपी जमानत पर है। आरोपी को आज नियम अनुसार पेश अदालत किया जाएगा। मामले में अन्य की संलिप्तता बारे आरोपी से गहनता से पूछताछ जारी है। मामले से जुड़े किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। डीएसपी विजय पाल सिंह ने प्रेस वार्ता में अपील करते हुए कहा कि किसी अनजान व्यक्ति के प्रलोभन में ना आए और ना ही उसके द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को लिंक करें, अन्यथा आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं। किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर डायल करें।
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