वाशिंगटन, अफगानिस्तान में अयमान अल-जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को ढेर कर अमेरिका ने आतंकी संगठन अल-कायदा (Al Qaeda) को बड़ा झटका दिया है। जवाहिरी पिछले काफी समय अफगानिस्तान में छिपा हुआ था। ऐसे में तालिबान (Ta
liban) पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) ने तालिबान की कड़े शब्दों में आलोचना की है। एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि तालिबान विश्वास के लायक नहीं है। एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि तालिबान ने अल कायदा के सरगना अल-जवाहिरी को पनाह देकर दोहा में हुए समझौते का सीधे-सीधे उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा, 'काबुल में अल-कायदा के आतंकी को पनाह देकर तालिबान ने दोहा समझौते का उल्लंघन किया है। तालिबान ने पूरी दुनिया को बार-बार आश्वासन दिया कि वे अन्य देशों की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए आतंकवादियों द्वारा अफगान क्षेत्र का उपयोग नहीं करने देंगे, लेकिन ये सब झूठ निकला।' बता दें कि अमेरिका और तालिबान ने फरवरी 2020 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अध्यक्षता में शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते में तय हुआ था कि अफगान धरती से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान हिंसा को कम करेगा और गारंटी देगा कि उसकी धरती आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं होगी। एंटनी ब्लिंकेन ने कहा, 'तालिबान ने अपना वादा तोड़ा है। हालांकि इसके बावजूद हम अफगान लोगों का समर्थन जारी रखेंगे। जरूरी मानवीय सहायता पहुंचाते रहेंगे, साथ ही उनके मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए वकालत करते रहेंगे। खास तौर से महिलाओं और लड़कियों के अधिकार के लिए आवाज उठाएंगे।' उल्लेखनीय है कि इससे पहले तालिबान ने अमेरिका पर 2020 में हुए समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता ने कहा अमेरिका ने काबुल के रिहायशी इलाकों पर ड्रोन से हमला किया। हालांकि, अमेरिका ने तालिबान के आरोपों को खारिज कर दिया था। अमेरिका जवाहिरी की मौत को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत के रूप में देख रहा है। जवाहिरी को ढेर करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, 'हमने अमेरिका के लोगों से वादा किया था कि हम अफगानिस्तान और उसके बाहर प्रभावी आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रखेंगे। हमने बस यही किया है।' बता दें कि लादेन की मौत के बाद जवाहिरी ही अल-कायदा का बड़ा नाम और पहचान था, जिसपर अमेरिका ने 25 मिलियन डालर का इनाम रखा था।
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