तावडू, : शहर की पंजाबी धर्मशाला में आर्य जगत की अन्र्तराष्ट्रीय प्रवक्ता बहन अंजली आर्या ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि कितनी ही गंगा में डुबकी लगाओ कितना ही साबुन से नहा कर केवल शरीर की सफाई क
सकते हैं, लेकिन मन की सफाई ईश्वर भक्ति से ही हो सकती है। किसी जरूरतमंद की सहायता करना ही सब से बड़ा धर्म है। अंजली आर्या ने कहा कि आज परिवार किस प्रकार टूट रहे हैं, यह सब हमारे संस्कारों की कमी के कारण ही हो रहा है। हम कितनी ही दूर जाकर भगवानों के दर्शन करें, लेकिन घर में बैठी मां की सेवा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सास को बहु बेटी के समान समझना चाहिए और बहु को सास के स्थान पर मॉ को समझना चाहिए फिर देखो कितना प्यार रहता है, और यह सब संस्कारों के कारण ही मिलता है। लेकिन आज तो संस्कार ऐसे हैं कि मॉबाप को वृद्धआश्रम में छोड़ कर अपनी आजादी समझते हैं। जबकि मनुष्य को ऐसा नहीं करना चाहिए। मनुष्य को भगवान की भक्ति के साथ-साथ अपने माता-पिता की सेवा भी करनी चाहिए।
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