नई दिल्ली, मुंह को साफ और दांतों को हेल्दी रखने के लिए फ्लॉसिंग बेहद ज़रूरी होती है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे किसी भी समय, कहीं भी किया जा सकता है। चाहे आप टीवी देख रहे हों, नहा रहे हों या फिर आर
ाम ही क्यों न फरमा रहे हों। फ्लॉस कैसे काम करता है? फ्लॉस एक धागे की तरह का होता है, जो दातों में उन जगह पर भी पहुंच जाता है, जहां टूथब्रश नहीं पहुंच पाता। इसलिए इससे मुंह बेहतर तरीके से साफ होता है। जब हम खाना खाते हैं, तो वह दांतों के बीच में अटक जाता है और अगर इसे वक्त पर निकाला नहीं गया, तो इससे इन्फेक्शन, प्लाक और यहां तक कि मसूड़ों की बीमारी भी हो सकती है। इसलिए दिन में दो बार फ्लॉस करना फायदेमंद रहता है। फ्लॉसिंग मसूड़े की सूजन को रोकता है जिन्जवाइटिस मसूड़ों की एक आम बीमारी है, जो बार-बार संक्रमण होने पर बढ़ती जाती है। इसमें मसूड़ों में सूजन आ जाती है और खून भी निकलने लगता है। इससे दांतों में इन्फेक्शन हो जाता है, जो काफी दर्दनाक हो सकता है। डॉक्टर्स का मानना है कि हेल्दी मसूड़ों में से खून नहीं बहना चाहिए और अगर ऐसा हो रहा है, तो आपको रोज़ाना फ्लॉस और ब्रेश करने की ज़रूरत है। फ्लॉसिंग हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करता है रोज़ाना ब्रश करने से दांत काफी हद तक साफ हो जाते हैं, वहीं, फ्लॉस करने से दांत हर तरफ से साफ होते हैं। इससे दांतों में प्लाक नहीं जमता, जिससे दांत सड़ते हैं और कैविटी होती है। फ्लॉस इन सभी समस्याओं से बचाता है। फ्लॉस से शरीर भी हेल्दी बनता है अगर आपकी मुंह की सेहत अच्छी है, तो इसका मतलब आपके बाकी अंग भी अच्छे हैं। दांत और मसूड़े अगर हेल्दी हैं, तो इससे दिल, किडनी और लिवर की बीमारी का जोखिम भी कम होता है। आपकी मुस्कुराहट को बढ़ाता है फ्लॉस करने से दांत हेल्दी, मज़बूत होते हैं, जिससे आपकी मुस्कुराहट में आत्मविश्वास आता है। फ्लॉस करना महंगा नहीं है दांत अगर सड़ जाए, प्लाक हटाना हो, कैविटी का इलाज या दूसरे इन्फेक्शन का इलाज काफी महंगा होता है। वहीं फ्लॉस काफी सस्ता आता है और आपके दांतों को लंबे समय तक साफ और हेल्दी रखता है।
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