खोजी/सुभाष कोहली कालका/पंचकूला। उपायुक्त महावीर कौशिक ने अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला में दर्ज हुये मामलों की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिये ताकि पीड़ितो
ं को जल्द न्याय दिलाकर उन्हें सरकार की ओर से दी जाने वाली वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। महावीर कौशिक जिला सचिवालय के सभागार में जिला स्तरीय सर्तकता एवं निगरानी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उपायुक्त ने अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, संशोधित 2016 के तहत दर्ज कुल 25 मामलों की एक एक कर समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी मामलों में पीड़ित पक्ष को दी जाने वाली वित्तीय सहायता शीघ्र अतिशीघ्र उनके खातों में जमा करवाई जाये। उन्होंने पुलिस विभाग को भी निर्देश दिये कि अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में त्वरित कार्रवाही करते हुये न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिये कि पीड़ित व्यक्तियों को शीघ्र न्याय दिलवाने के लिये जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय, पुलिस विभाग तथा जिला न्यायवादी कार्यालय आपस में सामंजस्य स्थापित करते हुये कार्य करें। बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 संशोधित 2016 के अंतर्गत गैर अनुसूचित जाति के व्यक्तियों द्वारा पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों पर होने वाले अत्याचारों जैसे भूमि का अनाधिकृत कब्जा, कत्ल, डकैती, बलात्कार, आगजनी तथा नरसंहार आदि से पीड़ित व्यक्तियों को 85 हजार से 8.25 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। पीड़ित व्यक्ति द्वारा संबंधित थाने में अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) के तहत एफआईआर दर्ज हो, ऐसा व्यक्ति इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने का पात्र है। बैठक में उपायुक्त ने जिला स्तरीय सर्तकता एवं निगरानी कमेटी के गैर सरकारी सदस्यों से भी सुझाव आमंत्रित किये। बैठक में एसीपी राजकुमार, डीडब्ल्यूओ दीपिका, एडीए मोनिका बूरा, समिति के गैर सरकारी सदस्य जशमेर सिंह बंजारा, विनोद जैन, गुरमेल सिंह, रमेशचंद व अशोक गुप्ता भी उपस्थित थे।
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