नई दिल्ली, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के उत्तराधिकारी को लेकर चल रही दौड़ में भारतवंशी ऋषि सुनक अब तक के सबसे मजबूत दावेदार हैं। हालांकि, अब सर्वेक्षण के नतीजे बता रहे हैं कि सुन
के सपने पर पानी फिर सकता है। दरअसल, इस नए सर्वे में विदेशमंत्री लिज ट्रस ने ब्रिटेन के अगले पीएम बनने की दौड़ में सुनक पर 28 वोटों की बढ़त बना ली है। इनमें से एक को चार अगस्त से सितंबर की शुरुआत तक चलने वाले मतदान में पार्टी सदस्यों द्वारा अगले प्रधानमंत्री के रूप में चुना जाना है। इसमें जानसन सरकार में वित्तमंत्री रहे सुनक की राह आसान नही है। सर्वे के इस सप्ताह की शुरुआत के आंकड़े बताते हैं कि लिज ट्रस के ऋषि सुनक पर 19 अंकों की बढ़त का अनुमान है। आइए जानते हैं कि पार्टी में चल रहे अंतर्विरोध से क्यों खुश है विपक्षी दल। क्या होंगे इसके परिणाम। नए पीएम के समक्ष क्या है बड़ी चुनौती। 1- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की रेस में सुनक और लिज ट्रस के बीच कड़ी टक्कर है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक ट्रस आगे चल रही हैं। सुनक और ट्रस में से कोई एक बोरिस जानसन की जगह सत्ता को संभालेगा। आने वाले छह हफ्तों में कोई एकउम्मीदवार 10 डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री आवास) में पहुंचेगा। दोनों दावेदार पीएम बनने के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहे हैं। इस वजह से ब्रिटेन की जनता के सामने कंजर्वेटिव पार्टी बंटी हुई दिख रही है। जाहिर है इससे विपक्षी दलों में खुशी होगी। इसके साथ ही किसी के भी प्रधानमंत्री बनने पर पार्टी को नुकसान होना संभव है, क्योंकि पार्टी के अंदर बहुत से लोग मानते हैं कि बोरिस जानसन अगले चुनाव में बेहतर लीड कर सकते हैं। 2- इन दोनों में से कोई भी प्रधानमंत्री बने, लेकिन उसके सिर पर कांटों भरा ताज होगा। आर्थिक चुनौतियों से निपटने के साथ ही पार्टी को एक रखना भी दोनों नेताओं के सामने बड़ी जिम्मेदारी होगी। अगले प्रधानमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक मोर्चे पर होगी। ब्रिटेन में कास्ट आफ लिविंग क्राइसिस है, ऐसे में इस बात पर बहस हो रही है कि भला अर्थव्यवस्था को कैसे संभालेंगे। ट्रस का कहना है कि टैक्स में कटौती होनी चाहिए और इससे जल्दी ग्रोथ देखने को मिलेगी। वहीं ट्रस के इस विचार को सुनक सिर्फ एक फैंटेसी मानते हैं। इसके अलावा अगले प्रधानमंत्री के समक्ष कोरोना के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से लड़ना भी एक मुश्किल काम होगा। 3- बोरिस जानसन ने 4.7 करोड़ मतदाताओं के बीच जाकर उनका बहुमत हासिल किया था। जानसन के नेतृत्व में पार्टी ने आम चुनाव चुनाव भी जीता था। जानसन के स्थान पर जो भी ब्रिटेन का नया पीएम बनेगा वह 160,000 कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के समर्थन से बनेगा। भारत की तरह ब्रिटेन में भी संसदीय व्यवस्था हैं, जहां पीएम सदन में बहुमत दल का नेता होता है। सदन में बहुमत वाली पार्टी अपना नेता चुनते हैं। ब्रिटेन में पार्टी कार्यकर्ताओं की इस चुनाव में अहम भूमिका होती है। ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के पास अभी बहुमत है, लेकिन अगले प्रधानमंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2024 के आम चुनाव में फिर सत्ता वापसी की होगी। ट्रस और सुनक अगले कुछ हफ्ते अपने लिए समर्थन जुटाएंगे। इन्हें चुनने वाले सिर्फ पार्टी के सदस्य होंगे, जो देश के 0.5 फीसद मतदाता हैं। इसमें भी लगभग एक ही तरह की विचारधारा और 50 की उम्र के गोरे लोग शामिल हैं। ज्यादातर दक्षिणी इंग्लैंड में रहते हैं जहां आर्थिक स्थिति ठीक है। ये कानून व्यवस्था और कम टैक्स चाहते हैं, लेकिन ये भी मानते हैं कि पब्लिक सर्विस भी जरूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव की तर्ज पर होगा पीएम का निर्वाचन प्रधानमंत्री पद के दोनों उम्मीदवारों-ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच सोमवार को बीबीसी पर लाइव टेलीविजन डिबेट होगी। इसमें विभिन्न मुद्दों पर दोनों नेता अपनी-अपनी बात कहेंगे। ब्रिटेन के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। यह अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव की तर्ज पर होगा। ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी में सबसे आगे चल रहे भारतीय मूल के सुनक ने रविवार को अप्रवासन के संवेदनशील मसले की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम बनने पर वह सामान्य समझ वाले कदम उठाएंगे जो हर किसी के लिए स्पष्ट होंगे। कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों का समर्थन हासिल करने के लिए जारी अभियान में सुनक अगर बाजी मारते हैं तो वह बोरिस जानसन का स्थान लेंगे। उनका मुकाबला विदेश मंत्री लिज ट्रस से है। दिग्गज आइटी कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक एन नारायण मूर्ति के दामाद सुनक जीतते हैं तो वह ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री होंगे।
Comments