नई दिल्ली, । टेस्ट में रिषभ पंत की शानदार बल्लेबाजी के बाद पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ 5 मैचों की टी20 सीरीज और फिर इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे मैच में उनकी असफलता ने क्रिकेट के जानकारों को यह सोचने प
मजबूर कर दिया था कि व्हाइट बाल में पंत का बल्ला क्यों खामोश रहता है लेकिन सीरीज खत्म होते-होते उन्होंने यह शिकायत भी दूर कर दी। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे मैच में पंत ने न केवल अपने खेलने के तरीके को बदला बल्कि सधी हुई पारी खेलकर 72 रन पर 4 विकेट गंवा चुकी अपनी टीम को जीत की दहलीज पर लेकर गए। पंत ने 113 गेंदों पर 16 चौके और 2 शानदार छक्कों की मदद से नाबाद नाबाद 125 रनों की पारी खेली। यह उनके वनडे करियर का पहला शतक भी है। पंत ने हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर टीम इंडिया को बीच मझधार से बाहर निकालते हुए डिसाइडर मैच में 8 ओवर पहले 5 विकेट से जीत दिला दी। उन्होंने पहले हार्दिक के साथ 5वें विकेट के लिए 133 रन जोड़े और जब हार्दिक 71 रन बनाकर आउट हुए तो उन्होंने खुद मोर्चा संभाला और 8 ओवर पहले टीम को जीत दिला दी। जब टीम इंडिया को जीत के लिए 48 गेंदों पर 24 रनों की जरुरत थी तो 42वें ओवर में डेविड विली गेंदबाजी करने आए। इससे पहले विली 6 ओवर में 37 रन दे चुके थे लेकिन विली के 7वें ओवर में पंत ने कुछ और ही सोच कर रखा था। उन्होंने विली के इस ओवर में 5 गेंदों पर लगातार 5 चौके लगाए। उम्मीद थी कि वो 6 गेंदों पर 6 चौके लगाने में कामयाब हो जाएंगे लेकिन विली ने आखिरी गेंद यार्कर डाल दी और पंत को 1 रन लेकर संतोष करना पड़ा। इस ओवर में पंत ने 21 रन बनाए और टीम को 43वें ओवर की पहली गेंद पर ही जीत दिला दी।
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