उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देने के लिए योजना के तहत सहायता ऋण पूंजी पर मिलेगी 35 प्रतिशत सब्सिडी नंूह, 8 जुलाई : आजादी के अमृत महोत्सव के तहत श्रृंखला के तहत केंद्र सरकार की ओर से आत्मनिर्भर भारत
भियान के तहत सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। वोकल फॉर लोकल की भावना पर आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना (पीएम-एएफएमई) आत्मनिर्भर भारत अभियान आदि योजनाएं स्वरोजगार स्थापित करने में कारगर साबित हो रही है। उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार की ओर से नए व मौजूदा निजी एवं समूह सूक्ष्म उद्यमों को सहायता ऋण पूंजी पर 35 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है जो अधिकतम 10 लाख रुपए है। इस योजना के तहत नए व मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, उद्योग एवं व्यापार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों से आह्वान किया है कि वे केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उन्नयन योजना के तहत किसान उत्पादक संगठनों, किसान उत्पादक कंपनी, स्वयं सहायता समूह, सहकारी समिति को सहायता ऋण पूंजी पर 35 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है जो अधिकतम 3 करोड़ रुपए तक है। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों को प्रारंभिक पूंजी व हैंड होल्डिंग स्पोर्ट के लिए प्रत्येक सदस्य को 40 हजार रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। इतना ही नहीं सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए भी 35 प्रतिशत अनुदान पर ऋण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग पर 50 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। इस बारे में अधिक जानकारी एमएसएमई निदेशालय पंचकूला से प्राप्त की जा सकती है।
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